मध्यप्रदेश

JP Hospital में टीएमटी की तय हुई दरें, 500 रुपये में होगी जांच, गरीबों को निश्शुल्क मिलेगी सुविधा

भोपाल
 हृदय रोग से पीड़ितों के लिए अच्छी खबर है, अब जेपी अस्पताल में करीब 10 साल बाद एक बार फिर महत्वपूर्ण जांच टीएमटी (ट्रेड मिल टेस्ट) हो सकेगी। इसके लिए टीएमटी मशीन अस्पताल आ गई है, यह जांच अब यहां मात्र 500 रुपये में हो सकेगी। हालांकि गरीब मरीजों (बीपीएल कार्डधारी) और आयुष्मान कार्डधारियों के लिए यह सुविधा निश्शुल्क रहेगी।

बता दें कि जेपी में टीएमटी जांच की सुविधा दर तय नहीं होने से मिल नहीं पा रही थी। भोपाल में जेपी के अलावा एम्स, हमीदिया अस्पताल और बीएमएचआरसी जैसे शासकीय अस्पतालों भी टीएमटी जांच की सुविधा उपलब्ध है।
यह है टीएमटी

    इस जांच में मरीज को विशेषज्ञ की निगरानी में ट्रेड मिल पर चलना या दौड़ना होता है।
    इस दौरान मरीज के दिल की धड़कन और इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी) की निगरानी की जाती है।

    इसमें मरीज को तब तक चलना या दौड़ना होता है जब तक वह थक न जाए।

    टेस्ट के दौरान ट्रेड मिल की गति और एंगल धीरे-धीरे बढ़ाया जाता है।

    इससे पता चलता है कि व्यायाम से शरीर की नसों पर पड़ने वाले तनाव पर हार्ट की प्रतिक्रिया कैसी है।

    टेस्ट से दिल के रोगों की गंभीरता का पता चलता है।

    टेस्ट से पता चलता है कि रक्त वाहिकाओं में कोई ब्लॉकेज तो नहीं हो रहा।

अब तक नहीं बनी कार्डियक यूनिट

जेपी अस्पताल में एडवांस्ड कार्डियक यूनिट का काम फिर अटक गया है। अब यह यूनिट इस साल दिसंबर की जगह मार्च 2025 के बाद ही शुरू होगी। यह कार्डियक यूनिट जेपी अस्पताल के नए भवन में संचालित की जानी है। छह मंजिला इस भवन का निर्माण दिसंबर 2024 में पूरा होना था, लेकिन लेटलतीफी के चलते अब मार्च तक पूरा होने की उम्मीद है।

मालूम हो कि यह जिला अस्पतालों में बनने वाली प्रदेश की सबसे बड़ी कार्डियक यूनिट है। राजधानी में अभी सिर्फ हमीदिया और एम्स में ही व्यवस्थित कार्डियक यूनिट हैं। हालांकि इन अस्पतालों में मरीजों की भीड़ रहती है, ऐसे में अधिकतर मरीजों को निजी अस्पताल जाना पड़ता है। यहां इस पूरी योजना को पीपीपी मोड में शुरू करने की योजना है।

डेंटल विंग भी ठंडे बस्ते में

जेपी अस्पताल के दंत चिकित्सा विभाग में नई डेंटल यूनिट बनने वाली थी, लेकिन अभी तक ये भी ठंडे बस्ते में ही है। वर्तमान में मरीजों को महिला और पुरुष सर्जिकल वार्ड में भी भर्ती करना पड़ता है। यहां वर्तमान में मरीजों को बमुश्किल रूट कैनाल, फिलिंग और दांत निकालने जैसी सुविधाएं ही मिल पाती हैं।

कई बार इसके लिए भी मरीजों को दो से तीन हफ्ते तक इंतजार करना पड़ता है। अभी यहां रोज 90 से 100 की ओपीडी होती है। ओरल सर्जरी समेत अन्य गंभीर प्रोसीजर के लिए रोज दो से तीन मरीजों को बड़े सेंटर में रेफर करना पड़ता है।

PRATYUSHAASHAKINAYIKIRAN.COM
Editor : Maya Puranik
Permanent Address : Yadu kirana store ke pass Parshuram nagar professor colony raipur cg
Email : puranikrajesh2008@gmail.com
Mobile : -91-9893051148
Website : pratyushaashakinayikiran.com