उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath Governemnt) ने जेवर एयरपोर्ट (Jewar Airport) के विस्तार के लिए जरूरी अतिरिक्त भूमि के अधिग्रहण के लिए कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दे दी है. पहले चरण के निर्माण में 29,500 करोड़ रुपये की लागत आएगी. वहीं, दूसरे चरण के निर्माण की लागत 31,114 करोड़ रुपये आएगी.
जेवर एयरपोर्ट (Jewar Airport) को लेकर एक बड़ी खबरी है.एयरपोर्ट को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार (UP Government) ने बड़ा बदलाव किया है. एयरपोर्ट पर अब दो नहीं 5 बड़े रनवे होंगे. सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की कैबिनेट ने इस पर अपनी मुहर लगा दी है. सरकार की इस मंजूरी के साथ ही अब जेवर एयरपोर्ट एशिया का दूसरा सबसे बड़ा एयरपोर्ट बन जाएगा. गौरतलब रहे कि एयरपोर्ट के पहले चरण में दो रनवे का निर्माण होना है.
जानकारों की मानें तो 3 अतिरिक्त रनवे बनाने के लिए 1,365 एकड़ ज़मीन की जरूरत होगी. ज़मीन का अधिग्रहण करने के लिए भी यूपी सरकार ने कैबिनेट की बैठक में अपनी मंजूरी दे दी है. वहीं, पहले चरण के निर्माण में 29,500 करोड़ रुपये की लागत आएगी. दूसरे चरण के निर्माण की लागत 31,114 करोड़ रुपये आएगी.
NIAL ने टीईएफआर की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूसी को दी
दूसरे चरण के निर्माण की टेक्निकल फिजिबिलिटी रिपोर्ट (TEFR) बनाने के लिए नोएडा इंटरनैशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (NIAL) ने पीडब्ल्यूसी को जिम्मेदारी दी थी. पीडब्ल्यूसी की रिपोर्ट के मुताबिक, नोएडा एयरपोर्ट के दूसरे चरण का निर्माण का 2042 में शुरू होगा.
2024 में उड़ान भरेगा पहला विमान
जानकारों की मानें तो 2024 तक जेवर एयरपोर्ट के पहले चरण के रनवे अपना काम शुरू कर देंगे. जेवर एयरपोर्ट से पहला विमान 2024 में उड़ान भरेगा. ज्यूरिख कंपनी एयरपोर्ट का निर्माण करेगी. कंपनी को अभी नोएडा एयरपोर्ट का मास्टर प्लान सबमिट करना है. उस पर अनुमति के बाद इसका निर्माण शुरू हो जाएगा. एक रनवे के साथ 2024 में उड़ान शुरू करने का लक्ष्य है.