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आमदनी पर टैक्स:टैक्सपेयर्स के लिए नया कुछ खास नहीं; स्लैब नहीं बदला; 75 वर्ष से ज्यादा उम्र वाले पेंशनर्स को रिटर्न फाइलिंग से छूट

इनकम टैक्स को लेकर बजट में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है। यानी पिछले साल की ही तरह आपको इस साल भी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के दो ऑप्शन मिलेंगे। बजट में सिर्फ एक बड़ी घोषणा हुई है- 75 वर्ष से ज्यादा आयु वाले पेंशनर्स को टैक्स रिटर्न फाइल नहीं करना पड़ेगा। यह ऐसे पेंशनर्स हैं जिनकी आय सिर्फ पेंशन और बैंक में मिलने वाले ब्याज से है। इनका टैक्स बैंक ही TDS के तौर पर काट लेगा।

इसके अलावा कुछ छोटे-छोटे बदलाव किए गए हैं। इनमें महत्वपूर्ण यह है कि 50 लाख से कम आय के कर चोरी मामलों में पुराने रिटर्न खोलने की समय सीमा को 6 साल से घटाकर 3 साल किया गया है। इसके साथ ही 50 लाख से अधिक टैक्स चोरी के सबूत सामने आने पर ही 10 साल पुराने रिटर्न खोले जा सकेंगे। इसके लिए भी प्रधान आयकर आयुक्त की अनुमति आवश्यक होगी।

इनकम टैक्स रिटर्न को फाइलिंग में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है। पुराने सिस्टम में पहले की तरह इन्वेस्टमेंट पर टैक्स छूट मिलती रहेगी। वहीं, पिछले साल आए नए सिस्टम में नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के तहत 50 हजार तक की छूट ही मिलेगी। यह उन लोगों के लिए अच्छा विकल्प है, जो युवा हैं और जिन्होंने कोई इन्वेस्टमेंट नहीं किया है या टैक्स में छूट के लिए इन्वेस्टमेंट के डॉक्यूमेंट्स को संभालकर रखने के झंझट से बचना चाहते हैं। सीए कार्तिक गुप्ता के मुताबिक न तो टैक्स स्लैब्स में बदलाव हुआ है और न ही कोई नई छूट दी गई है। इस वजह से टैक्स फाइलिंग में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा। देश की आजादी के 75वें वर्ष में 75 वर्ष से ज्यादा उम्र वालों को टैक्स रिटर्न फाइल करने से छूट देना, एक अच्छा कदम है।

न तो स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ा, न ही 80C की लिमिट बढ़ी

उम्मीद की जा रही थी कि नए विकल्प में नई छूट शामिल होगी। पर ऐसा कुछ हुआ नहीं। इसी तरह पुराने विकल्प में स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50 हजार रुपए से बढ़ाकर 80 हजार रुपए करने की मांग थी। 80C में मिल रही छूट को 1.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 2 लाख रुपए करने की उम्मीद थी। पर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन ने ऐसी किसी भी मांग को नजरअंदाज कर दिया।

टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं हुआ है। जानिए दोनों विकल्पों में कितनी कमाई पर कितना

टैक्स-

आप भी जान लीजिए कि आपकी कमाई पर कितना टैक्स लगेगा-

आपकी कमाई के अनुसार आपको कितना टैक्स चुकाना होगा-

बजट में टैक्स को लेकर की गई अन्य घोषणाएंः

डिजिटल लेन-देन वाले कारोबारियों को राहतः ऐसे छोटे कारोबारी, जिनका 95% लेनदेन डिजिटल हो रहा है, उन्हें राहत दी है। वैसे तो एक करोड़ से ज्यादा टर्नओवर वाले कारोबारियों को टैक्स ऑडिट कराना पड़ता है, पर डिजिटल लेनदेन वालों के लिए पिछले साल 5 करोड़ रुपए तक के टर्नओवर तक राहत दी थी। अब यह राहत बढ़ाकर 10 करोड़ रुपए तक के टर्नओवर वाले कारोबारियों के लिए दी गई है। यानी 10 करोड़ रुपए तक के टर्नओवर वाले कारोबारियों को टैक्स ऑडिट नहीं कराना होगा।

अब फेसलेस अपीलेट ट्रिब्यूनलः ​​​​​​केंद्र सरकार ने फेसलेस असेसमेंट और अपील के बाद अब अपीलेट ट्रिब्यूनल को भी फेसलेस बनाने की तैयारी की है। इसके लिए सरकार फेसलेस इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल सेंटर बनाएगी। ट्रिब्यूनल और अपील करने वाले व्यक्ति के बीच होने वाला सारा पत्राचार इलेक्ट्रॉनिक होगा। व्यक्तिगत सुनवाई की जरूरत पड़ी तो वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से होगी।

डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स में राहतः पिछले साल सरकार ने कंपनियों से मुनाफे के हिस्से के तौर पर मिलने वाले डिविडेंड को बांटने पर लगने वाला टैक्स हटाया था। यह जिम्मेदारी निवेशकों पर छोड़ी थी। इसमें ही राहत बढ़ाते हुए टीडीएस से छूट दी गई है। इसी तरह डिविडेंड से मिलने वाली आय पर एडवांस टैक्स भी जमा नहीं करना होगा।

अफोर्डेबल हाउसिंग पर राहत बढ़ीः सरकार ने अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम के तहत 45 लाख रुपए तक का मकान खरीदने पर 1.5 लाख रुपए तक के ब्याज पर अतिरिक्त छूट जारी रखी है। यानी अब 31 मार्च 2022 तक नया मकान खरीदा तो टैक्स से छूट मिलती रहेगी।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट्सः

DVS एडवायजर्स एलएलपी के फाउंडर और मैनेजिंग डायरेक्टर दीवाकर विजयसारथी ने कहा कि रेट नहीं बढ़ाकर वित्तमंत्री ने एक तरह से बड़ी राहत ही दी है। 75 वर्ष से ज्यादा उम्र वालों को दी गई राहत स्वागत योग्य है। डिजिटल ट्रांजेक्शन करने वाले कारोबारियों के लिए टैक्स ऑडिट की लिमिट को 5 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपए किया गया है। पुराने रिटर्न खोलने की समयसीमा को घटाया गया है जो निवेशकों का विश्वास जगाएगा।

ब्रांच पर्सनल फाइनेंस ऐप की एमडी इंडिया सुचेता महापात्रा के मुताबिक वेतनभोगी टैक्सपेयर्स को राहत की सांस लेनी चाहिए कि पर्सनल इनकम टैक्स में कोई बदलाव नहीं हुआ है। स्टार्टअप्स को टैक्स हॉलीडे दिया गया है, जो स्टार्टअप इकोसिस्टम पर दबाव कम करेगा। खासकर ऐसे समय जब कोविड-19 की वजह से पूरा साल उनके लिए खराब रहा है।

टैक्समंत्रा ग्लोबल के मैनेजिंग पार्टनर आलोक पाटनिया ने कहा कि स्टार्टअप्स के लिए टैक्स हॉलीडे एक और साल बढ़ाकर मार्च 2022 तक जारी रहेगा। सरकार ने वन-पर्सन कंपनियों को प्रोत्साहन देने की कोशिश की है, जिसका फायदा स्टार्टअप्स और इनोवेटर्स को मिलेगा। यह स्टार्टअप्स में निवेश आकर्षित करेगा।

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