लोकपाल (The Lokpal) को वित्त वर्ष 2021-22 के लिए इस बजट में तकरीबन 40 करोड़ रुपये आवंटित हुए हैं. मौजूदा वित्त वर्ष के लिए लोकपाल को 74.4 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था, जिसे अब कम करके 29.67 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव है.
भ्रष्टाचार विरोधी निकाय लोकपाल (The Lokpal) को इस वित्त वर्ष 2021-22 के लिए बजट में तकरीबन 40 करोड़ रुपये आवंटित हुए हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) द्वारा सोमवार को प्रस्तुत आम बजट के अनुसार मार्च में समाप्त हो रहे मौजूदा वित्त वर्ष के लिए लोकपाल को 74.4 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था, जिसे अब कम करके 29.67 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव है. वहीं आगामी वित्त वर्ष के लिए लोकपाल के वास्ते कुल 39.67 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.
2020-21 के लिए 29.67 करोड़ रुपये मिले
सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल के लिए 40 करोड़ रुपये का आवंटन किया है. पेश किए गए केंद्रीय बजट के अनुसार, अपनी स्थापना और निर्माण संबंधी खर्चों को पूरा करने के लिए 2021-22 के लिए लगभग 40 करोड़ रुपये का आवंटन मिला है. लोकपाल को चालू वित्त वर्ष के लिए 74.7 करोड़ रुपये दिए गए थे, जो मार्च में समाप्त हो रहा है. यह अब संशोधित कर 2020-21 के लिए 29.67 करोड़ रुपये कर दिया गया है.
पिनाकी चंद्र घोष लोकपाल के अध्यक्ष हैं
बता दें कि राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने 23 मार्च 2019 को लोकपाल के अध्यक्ष के रूप में न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष को पद की शपथ दिलाई थी. न्यायमूर्ति घोष ने उसी वर्ष 27 मार्च को लोकपाल के आठ सदस्यों को शपथ दिलाई थी. लोकपाल सार्वजनिक अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करती है. सीवीसी को 2021-22 के लिए 38.67 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो चालू वित्त वर्ष के लिए संशोधित 33.96 करोड़ रुपये है.
साल 2020 में इतनी शिकायतें मिली हैं
बता दें कि भ्रष्टाचार विरोधी निकाय लोकपाल को 2020 में अप्रैल से दिसंबर के बीच 89 शिकायतें मिली थीं. इन 89 शिकायतों में तीन शिकायतें सांसदों के बारे में की गई थी. पिछले साल अप्रैल से लेकर दिसंबर तक लोकपाल को समूह ए और बी श्रेणी के केंद्र सरकार के अधिकारियों के खिलाफ 48 शिकायतें मिलीं थी. 33 शिकायतें विभिन्न बोर्डों, निगमों, स्वायत्त निकायों के अध्यक्षों, सदस्यों और कर्मचारियों के खिलाफ थीं. आंकड़ों की मानें तो अभी तक लोकपाल ने 21 शिकायतों में प्रारंभिक जांच का आदेश दिए हैं. वहीं 18 मामलों की जांच केंद्रीय सतर्कता आयोग को और 3 मामलों की जांच CBI को करने को कहा है.