Budget 2021 News: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) की मांग को मानते हुए बजट में मध्य प्रदेश के लिए फंड का ऐलान किया है. इस बात की जानकारी खुद सिंधिया ने ट्वीट करके दी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman)ने सोमवार को केंद्रीय बजट (Union Budget 2021) पेश किया. इसे लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष की प्रतिक्रियाएं लगातार आ रही हैं. जबकि इस बजट में भाजपा के राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia)का असर साफ तौर पर दिखाई दिया है. आपको बता दें कि बजट से पहले उन्होंने जिन मांगों को लेकर वित्त मंत्रालय को चिट्ठी लिखी था उनकी घोषणा कर दी गई है.
बजट 2021 जारी होने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी. उन्होंने कहा, ‘ मेरे अनुरोध पर केंद्र सरकार द्वारा बजट में ग्वालियर-मुरैना के पेयजल के लिए 250 करोड़, चंदेरी के पर्यटन और बुनकरों के विकास के लिए 75 करोड, व उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर क्षेत्र के विकास के लिए 75 करोड़ की राशि स्वीकृत करने पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और फाइनेंस कमिशन अध्यक्ष एनके सिंह का समूचे मध्य प्रदेश वासियों की ओर से हृदय से धन्यवाद. मुझे पूरा विश्वास है कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार के सकारात्मक प्रयासों से आने वाले समय में अब इन क्षेत्रों में विकास और प्रगति के नए द्वार खुलेंगे.’
जानें क्या थी सिंधिया की मांग
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 8 अगस्त 2020 को फाइनेंस कमिशन अध्यक्ष एनके सिंह को चिट्ठी लिखते हुए चंबल नदी से ग्वालियर और मुरैना में पानी लाने के लिए प्रोजेक्ट, चंदेरी के बुनकरों को विकास, ग्वालियर- शिवपुरी और चंदेरी क्षेत्र में पर्यटन विकास के साथ बाबा महाकालेश्वर मंदिर के अनुरक्षण के लिए बजट में फंड देने की मांग की थी. इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि बजट में इन सभी मांगों को लेकर सकारात्मक खबर आएगी.
सिंधिया की चिट्ठी वायरल
हालांकि सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया चिट्ठी के वायरल होने से मध्य प्रदेश की सियासत में हलचल मचा दी थी. जबकि उनकी यह चिट्ठी सोशल मीडिया में खूब वायरल हुई थी. इस बीच इस चिट्ठी को लेकर संभावनाओं-अनुमानों का दौर शुरू हो गया था. लोग दबी जबान में कह रहे हैं कि इसके जरिए सिंधिया सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं. राजनीतिक पंडितों ने भी इसे ये कहकर हवा दी है कि सिंधिया की चिट्ठी का कुछ न कुछ तो असर होगा.