राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (National Food Security Scheme) के तहत गरीबों को आवंटित किये जाने वाले गेहूं को हड़पने वाले सरकारी कर्मचारियों (Government employees) के खिलाफ सरकार ने सख्ती दिखानी शुरू कर दी है,
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (National Food Security Scheme) के तहत गरीबों को आवंटित किये जाने वाले गेहूं को अनुचित तरीके से हड़पने वाले सरकारी कर्मचारियों (Government employees) के वेतन से कटौती कर उसकी भरपाई की जायेगी. गरीब का गेहूं खाने वाले ऐसे कर्मचारियों से सरकार अब 27 रुपये प्रति किलो की दर से वूसली करेगी. यह वसूली उनके वेतन से कटौती करके की जायेगी.
जिला रसद अधिकारी राहुल जादौन ने बताया कि जिले में गरीबों के गेहूं का अनुचित तरीके से लाभ ले रहे 3494 कर्मचारियों के नाम खाद्य सुरक्षा योजना से हटा दिये गये हैं. उठाये गये गेहूं की राशि वसूलने के लिए सभी संबंधित कर्मचारियों को नोटिस जारी
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (National Food Security Scheme) के तहत गरीबों को आवंटित किये जाने वाले गेहूं को अनुचित तरीके से हड़पने वाले सरकारी कर्मचारियों (Government employees) के वेतन से कटौती कर उसकी भरपाई की जायेगी. गरीब का गेहूं खाने वाले ऐसे कर्मचारियों से सरकार अब 27 रुपये प्रति किलो की दर से वूसली करेगी. यह वसूली उनके वेतन से कटौती करके की जायेगी.
जिला रसद अधिकारी राहुल जादौन ने बताया कि जिले में गरीबों के गेहूं का अनुचित तरीके से लाभ ले रहे 3494 कर्मचारियों के नाम खाद्य सुरक्षा योजना से हटा दिये गये हैं. उठाये गये गेहूं की राशि वसूलने के लिए सभी संबंधित कर्मचारियों को नोटिस जारी
84 लाख रुपये की राशि वसूल की जा चुकी है
जादौन ने बताया कि अभी तक सरकारी कर्मचारियों से 84 लाख रुपये की राशि वसूल की जा चुकी है. लेकिन गरीब का गेहूं खाने वाले अधिकांश कर्मचारियों को नोटिस देने के बाद भी उन्होंने अभी तक उनकी तरफ से राशि जमा नहीं कराई गई है. जादौन के अनुसार वसूली राशि जमा नहीं कराने वाले कर्मचारियों से उनके पदस्थापन वाले विभाग से समन्वय स्थापित कर उनके वेतन से कटौती कर इसकी भरपाई करने के स्पष्ट निर्देश राज्य सरकार की ओर से दिये गये हैं.
एफआईआर भी दर्ज करवाई जायेगी
उन्होंने बताया कि सभी विभागों से कर्मचारियों की सेवा संबंधी सूचना मंगाई जा रही है. किसी भी कर्मचारी के द्वारा यदि गेहूं की राशि जमा नहीं करवाई जाती है तो न केवल उसके वेतन से कटौती कर इसकी भरपायी की जायेगी बल्कि कर्मचारी के खिलाफ संबंधित पुलिस थाने में एफआईआर भी दर्ज करवाई जायेगी.