अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) ने भले ही यह कहा हो कि देश हित के लिए अमेरिका (America) चीन के साथ काम करेगा. लेकिन विदेश मंत्री ऐंटनी ब्लिंकेन के ताजा बयान से यह साफ हो गया है कि बाइडन सरकार चीन पर नर्म रुख अपनाने के मूड में नहीं है. ब्लिंकेन ने बताया है कि अपने चीनी समकक्ष यांग जेइची से बातचीत में उन्होंने साफ किया है कि अमेरिका अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करेगा, लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए खड़ा रहेगा और बीजिंग को अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के उल्लंघन के लिए जवाबदेह भी ठहराएगा.
ब्लिंकेन ने इस बात पर जोर दिया है कि शिनजियांग, तिब्बत और हांगकांग समेत सभी मानवाधिकारों और लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए अमेरिका खड़ा रहेगा और चीन पर इस बात का दबाव बनाएगा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर म्यांमार में हुए तख्तापलट की निंदा करे. ब्लिंकेन ने दोहराया कि अमेरिका अपने साथियों के साथ मिलकर साझा मूल्यों और हितों की रक्षा करेगा और चीन को इंडो-पैसिपिक के ताइवान स्ट्रेट समेत सभी इलाकों में स्थिरता को खतरा पहुंचाने के लिए जवाबदेह मानेगा.
‘चीन अमेरिका का सर्वाधिक गंभीर प्रतिद्वंद्वी‘
इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने विदेश नीति पर अपने पहले संबोधन में चीन को अमेरिका का ‘सर्वाधिक गंभीर प्रतिद्वंद्वी’ करार दिया था और मानवाधिकारों, बौद्धिक संपदा और आर्थिक नीत पर बीजिंग से मुकाबला करने का संकल्प जताया. साथ ही उन्होंने कहा था कि जब अमेरिका के हित की बात आएगी तो वह पेइचिंग के साथ काम भी करने के लिए तैयार हैं.अमेरिका (America) के विदेश मंत्री ऐंटनी ब्लिंकेन ने साफ-साफ कहा है कि शिनजियांग, हांगकांग और तिब्बत से लेकर ताइवान स्ट्रेट तक अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के उल्लंघन पर चीन (China) की जवाबदेही है.
क्या बोला चीन
बाइडन के बयान पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने जवाब दिया था, ‘चीन और अमेरिका बड़े देश के तौर पर साझा हितों और दुनिया में शांति, स्थिरता और समृद्धि लाने में भूमिका निभा सकते हैं.’ वांग ने कहा, ‘यह स्वाभाविक है कि हमारे बीच मतभेद हैं लेकिन हमारे साझा हित ज्यादा महत्वपूर्ण हैं. हमारे सहयोग से बड़ी उपलब्धियां हासिल हो सकती हैं.’