चीन से मिल रही चुनौतियों के बीच बने क्वॉड (QUAD) ग्रुप में शामिल चारों देश भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया जल्द ही बैठक कर सकते हैं. माना जा रहा है कि अमेरिका (America) के नए राष्ट्रपति जो बाइडन इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की चार बड़ी लोकतांत्रिक ताकतों को एकजुट करना चाहते हैं. जापान टाइम्स के मुताबिक नेशनल सिक्यॉरिटी अडवाइजर जेक सलीवन ने क्वॉड को वह नींव बताया है जिसके आधार पर अमेरिका अपनी इंडो-पैसिफिक नीति निर्धारित करेगा. अखबार ने सूत्र के हवाले से लिखा है कि अमेरिका ने बाकी देशों को ऑनलाइन मीटिंग करने का सुझाव दिया है. इस मीटिंग के दौरान ‘फ्री ऐंड ओपन इंडो-पैसिफिक’ को सच करने पर चर्चा की जाएगी.
इस क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य मौजूदगी को देखते हुए यह कदम बेहद अहम है. इस मीटिंग पर चीन की आपत्ति और तीखी प्रतिक्रिया की अटकलें भी अभी से लगने लगी हैं. जापान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक पहली बार क्वॉड फ्रेमवर्क के चारों देशों के विदेश मंत्रियों ने 2019 में न्यूयॉर्क में बैठक की थी और फिर कोरोना वायरस की महामारी के बीच टोक्यो में पिछले साल मुलाकात की गई थी. अक्टूबर में हुई बैठक में अमेरिका के तत्कालीन विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो चीन पर जमकर बरसे थे. उन्होंने चीन पर आरोप लगाया था कि वह अपने पड़ोसी दक्षिण एशियाई देशों पर दबदबा कायम करने के लिए आर्थिक शक्ति का इस्तेमाल कर रहा है. पॉम्पियो ने चीन पर पड़ोसी देशों के शोषण, भ्रष्टाचार और दबाव पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि यह देखना होगा कि क्या यह दुनिया अंतरराष्ट्रीय नियमों की व्यवस्था का पालन करेगा या चीन जैसे शासन के दबाव में रहेगी.
QUAD देशों के नेता पहली बैठक की तैयारी कर रहे हैं. चीन (China) की चुनौती को देखते हुए जो बाइडेन प्रशासन ने सभी देशों की बैठक का सुझाव दिया है.
चीन है अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का उल्लंघन करने का जवाबदेह
अमेरिका के मौजूदा विदेश मंत्री ऐंटनी ब्लिंकेन ने भी चीन को अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का उल्लंघन करने का जवाबदेह बताया है. अपने चीनी समकक्ष से बातचीत में ब्लिंकेन ने तिब्बत, हांगकांग और शिनजियांग का मुद्दा भी उठाया है. माना जा रहा है कि क्वॉड की कोशिश होगी कि चीन की आर्थिक दबाव बनाने की नीतियों को खत्म किया जा सके.