राजस्थान

राजस्थान: गहलोत सरकार को क्यों लगाना पड़ा नाइट कर्फ्यू? किए गए हैं सख्‍त प्रावधान

फिर 22 मार्च आ गई. पिछले साल 22 मार्च को ही गहलोत सरकार (Gehlot Government) ने ही राजस्‍थान में देश का पहला लॉकडाउन लगाया था. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को देश भर में लॉकडाउन (Lockdown) की घोषणा की थी. इस बार सरकार ने 22 मार्च को 8 शहरों में नाइट कर्फ्यू लगा दिया है. हालात कमोबेश एक जैसे हैं. कोराना की दूसरी लहर के मद्देनजर सरकार को नाइट कर्फ्यू लगाना पड़ा. पिछले साल लगाए गए प्रतिबंधों और इस साल लगाए गए प्रतिबंधों में मौलिक अंतर है. प्रदेश में 21 मार्च से 31 मार्च तक कर्फ्यू संबंधित गाइडलाइन (Guideline) प्रभावी रहेगी.

करीब 7.50 करोड़ की आबादी वाले राजस्थान में पिछले साल 22 मार्च को लॉकडाउन लगाया गया था. उस समय राज्य में दो विदेशियों समेत कुल 17 के खिलाफ मामले दर्ज किए गए थे. इस साल 22 मार्च को 8 शहरों में नाइट कर्फ्यू लगाया गया था. उस समय प्रदेश में शनिवार तक 445 नए रोगी मिले थे. लॉकडाउन के दौरान सभी सरकारी और निजी दफ्तर, मॉल, फैक्ट्री, पब्लिक ट्रांसपोर्ट आदि बंद रहे थे. सब्जी, दूध जैसी रोजमर्रा की जरूरत की चीजों की दुकानें और मेडिकल स्टोर खुले रहे थे. इस साल भी 22 मार्च से सभी नगर निकायों में रात्रि 10:00 बजे के बाद बाजार बंद रहेंगे. सभी राज्यों से बाहर से आने वाले यात्रियों के लिए RT-PCR नेगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य होगी.

सरकार को क्यों लगाना पड़ा नाइट कर्फ्यू
– लोगों की लापरवाही के कारण राजस्थान में नाइट कर्फ्यू लगाना पड़ा.
– लोगों ने मास्क लगाना कम कर दिया

– सोशल डिस्टेंसिंग की पालना न बाजारों में दिख रही और न किसी आयोजन में.
– रैलियां, धरने-प्रदर्शन सब धड़ल्ले से चल रहे हैं.
– शनिवार को 70 दिन का रिकॉर्ड टूटते हुए 445 नए रोगी मिले.
– इससे पहले 10 जनवरी को 475 रोगी मिले थे.
– प्रदेश में दोबारा लौटे संक्रमण के कारण पिछले 5 दिन से लगातार रोगी बढ़ रहे हैं.
– 5 दिन में ही 184% की दर से कोरोना बढ़ रहा है.
– शनिवार तक प्रदेश में 42,74,213 टीके लगाए जा चुके हैं.
– महाराष्ट्र 40.57 लाख टीकों के साथ दूसरे स्थान पर है.
– तीसरे नंबर पर 40.10 लाख के साथ उत्तर प्रदेश है.

नाइट कर्फ्यू के दौरान ये खुले रहेंगे
– सब्जियां, डेयरी और मेडिकल और दैनिक जरूरतों की चीजों कि बिक्री करने वाली दुकानें खुली रहेंगी.
– सरकारी दफ्तर, फैक्ट्री, पब्लिक ट्रांसपोर्ट सब खुले रहेंगे.
– कार्यालयों में आवश्यकता अनुरूप ही कार्मिकों को बुलाया जाएगा.
– कार्यालय अध्यक्ष निर्णय लेने के लिए अधिकृत होंगे.

गाइडलाइन इन पर लागू नहीं होगी
– वे फैक्ट्रियां जिनमें निरंतर उत्पादन हो रहा हो
– वे फैक्ट्रियां जिनमें रात्रि कालीन शिफ्ट चालू हो
– आईटी कंपनियां
– केमिस्ट शॉप
– अनिवार्य एवं आपातकालीन सेवाओं से संबंधित कार्यालय
– विवाह संबंधी समारोह
– चिकित्सा सेवाओं से संबंधित कार्य स्थल,
– बस स्टैंड/ रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट से आने जाने वाले यात्रीगण
– माल परिवहन करने वाले भार वाले वाहनों के आवागमन
– माल के लोडिंग एवं अनलोडिंग तथा उक्त कार्य हेतु नियोजित व्यक्ति,
– रेस्टोरेंट्स
– इनके लिए पृथक से पास जारी नहीं किए जाएंगे.

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