राजस्थान में कोरोना (COVID-19) के बढ़ते मामले और ‘जन अनुशासन पखवाड़ा’ बनाम लॉकडाउन (Lockdown) की स्थितियां पैदा होते ही प्रवासी मजदूरों का पलायन (Labor migration) शुरू हो गया है. प्रदेश में गत शुक्रवार को वीकेंड कर्फ्यू (Weekend curfew) की घोषणा के बाद से सोशल मीडिया में उड़ी लॉकडाउन की अफवाहों के मद्देनजर मजदूरों ने अपने घर की तरफ रुख करना शुरू कर दिया है.
अनुमान के मुताबिक, सनसिटी जोधपुर से अब तक करीब 40 हजार मजदूर अपने घरों को लौट गए हैं. रविवार को शहर के पावटा रोडवेज बस स्टैंड पर सुबह से लोगों की भीड़ उमड़ने लगी. बाद में यह सिलसिला दिनभर जारी रहा. पलायन करने वाले लोगों का कहना था कि पिछली बार जिस तरह की परेशानियां उठानी पड़ी थीं, वैसी नौबत दुबारा न आए इसलिए समय रहते ही घर जाना मुनासिब है.
मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के अधिकतर मजदूर
इन लोगों का कहना था कि लॉकडाउन के हालात कभी हो सकते हैं. बाद में यहीं फंसकर रह जाएंगे. इससे बेहतर की समय पर ही घर चला जाए. जोधपुर से पलायन करने वाले अधिकतर मजदूर मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. ये लोग जोधपुर सिटी समेत आसपास के शहरों और कस्बों में मजदूरी के लिए यहां आए थे.
शनिवार को 17 लोगों की मौत
उल्लेखनीय है कि जोधपुर राजस्थान के सबसे ज्यादा संक्रमित शहरों में शुमार है. यहां संक्रमण की दर बड़ी तेजी के साथ बढ़ रही है. जोधपुर में शनिवार को एक ही दिन में कोरोना से 17 लोगों की मौत हो गई थी. यहां दिन-प्रतिदिन कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. रविवार को भी जोधपुर में एक ही दिन में जोधपुर 1695 नए पॉजिटिव केस आए हैं. वहीं, कोरोना पीड़ित 7 लोगों की मौत हो गई.