कोरोना काल में राजस्थान (Rajasthan) की अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) सरकार (Government) ने कर्मचारियों को बड़ी राहत देते हुए जीपीएफ (GPF) की ब्याज दरों में कटौती नहीं करने का निर्णय लिया है. ब्याज दरें स्थिर रहेंगी. वित्त विभाग ने आधिकारिक आदेश जारी कर दिए हैं. राज्य सरकार के इस निर्णय से प्रदेश के करीब साढ़े 12 लाख सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को बड़ी राहत मिली है. वित्त विभाग के आदेश के अनुसार जीपीएफ, CPF व अन्य बचत योजना में 7.1% ही ब्याज दर रहेगी. पूर्व में 1 फरवरी से 31 मार्च तक के लिए भी यही दर थी. कोरोनाकाल में राज्य की आर्थिक स्थिति चरमराई हुई है. ऐसे में माना जा रहा था कि सरकार ब्याज दरों में कटौती करेगी, लेकिन सरकार ने कटौती नहीं करने का निर्णय लिया है.
तय ब्याज दरें 1 अप्रेल 2021 से लागू
तय ब्याज दरें 1 अप्रेल 2021 से 30 जून 2021 तक लागू मानी जाएंगी. राज्य सरकार ने 30 अप्रैल 2020 को जीपीएफ और सीपीएफ के तहत जमा राशि पर मिलने वाली ब्याज दर में 0.8 प्रतिशत की कटौती की थी. इस कटौती से सरकारी कर्मचारियों एवं पेंशनर्स को आर्थिक नुकसान हुआ था. सरकार ने कोरोना काल में आर्थिक संकट को झेलने के बावजूद भी प्रदेश के कर्मचारियों और पेंशनर्स को बड़ी राहत दी है. राजस्थान में करीब 8 लाख कर्मचारी हैं, जबकि 4.50 लाख से अधिक पेंशनर हैं। जिन्हें सरकार के इस निर्णय का सीधे तौर पर फायदा मिलेगा.
जानिए, क्या है GPF?
GPF यानी जनरल प्रोविडेंट फंड (General Provident Fund). कर्मचारी अपनी सैलरी में से न्यूनतम 6 फीसदी हिस्सा इसमें जमा कर सकते हैं, जिसे वे अपने रिटायरमेंट के समय निकाल सकते हैं. इस योजना में जमा पैसे और ब्याज दर को टैक्स के दायरे से बाहर रखा है. इससे कर्मचारियों को राहत मिलने की उम्मीद की जा रही है.