राजस्थान के निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत (Oxygen shortage) पूरी तरह से दूर करने के लिये एक्शन प्लान बनाया गया है. राज्य सरकार के चिकित्सा और स्वास्थय विभाग ने एक आदेश जारी करके राज्य के सभी निजी अस्पतालों (Private hospitals) में दो माह में ऑक्सीजन प्लांट लगाना अनिवार्य कर दिया है.
सरकार की ओर से जारी आदेशों में कहा गया है राज्य के ऐसे सभी निजी चिकित्सालय जिनमें 60 या इससे ज्यादा बेड हैं उन सभी निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाना अनिवार्य है. चिकित्सा व स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर रघु शर्मा ने बताया कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर में अस्पतालों में ऑक्सीजन की सबसे अधिक जरूरत है. ऐसे में सरकार सभी संभव उपायों के जरिये ऑक्सीजन की व्यवस्था कर रही है.
कम से कम 50 प्रतिशत बेड ऑक्सीजन सिस्टम से जुड़े होने चाहियें
उन्होंने कहा कि सरकारी कोविड डेडीकेटेड सेंटर्स के अतिरिक्त जिन निजी अस्पतालों में 60 या उससे अधिक बेड्स हैं वहां के 50 प्रतिशत बेड्स पर ऑक्सीजन की व्यवस्था होना जरूरी है. ऐसे निजी चिकित्सालयों में सेंट्रलाइज ऑक्सीजन पाइप लाइन की स्थापना हो और कम से कम 50 प्रतिशत बेड्स इस सिस्टम से जुड़े हो. उन्होंने कहा कि इस सिस्टम के जरिए मरीजों को निरंतर ऑक्सीजन मिल सके इसके लिए अस्पताल में ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट 2 माह में स्थापित किया जाना अनिवार्य है.
विशेष राहत पैकेज का उठा सकते हैं फायदा
चिकित्सा विभाग के शासन सचिव सिद्धार्थ महाजन ने निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट के स्थापना के संबंध में बताया कि इसके लिए राज्य सरकार के उद्योग विभाग की ओर से विशेष राहत पैकेज घोषित किया गया है. इसका लाभ लेकर निजी चिकित्सालय अपने यहां इन प्लांट की स्थापना कर सकते हैं.