सरकारी योजनाओं में अधिकारी-कर्मचारी किस तरह से भ्रष्टाचार करते हैं, उसकी एक बानगी छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में भी देखने को मिली है। यहां प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास मित्र, विकासखंड समन्वयक और डाटा इंट्री ऑपरेटर ने मिल कर सिर्फ कागजों में ही आवास का निर्माण कर दिया। फिर मिलकर सरकारी राशि का गबन कर दिया।
पूरा मामले का खुलासा तब हो पाया जब घर चोरी होने की शिकायत पेंड्रा थाना में दर्ज करवाई गई। इसके बाद एक आरोपी प्रकाश महिलांगे को गिरफ्तार किया गया है। जबकि 3 आरोपी पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं। वहीं 3 लोग अब भी फरार चल रहे हैं।
परे मामले को लेकर जिले के एसपी सूरज सिंह परिहार ने कहा है कि आवास अनियमितता का यह बहुत ही गंभीर मामला है। सभी फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है। जल्द ही वे भी पुलिस की गिरफ्त में होंगे। जिले में 2018-19 में आरोपियों ने मिलकर एक महिला के घर का पन्नों में निर्माण कर दिया था। फिर 2 किश्तों में 90 हजार रुपए भी निकाल लिए थे। इतना ही नहीं आरोपियों ने अलग-अलग गांवों में भी घर का निर्माण सिर्फ कागजों में किया और उनके नाम पर भी खाते से पैसा निकालने के फिराक में थे।
ऐसे खुला मामला
अड़भार गांव निवासी फुलझड़ियां बाई का नाम 2018-19 आवास सूची (प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत) में दर्ज था और उसको घर स्वीकृत भी हुआ था। लेकिन उसे इस बात की जानकारी ही नहीं दी गई और तो और उसका घर बनाने के नाम से 2 किश्तों में 90 हजार रुपए निकाल लिए गए। इधर, जब 2018-19 में ही स्वीकृत पेंड्रा जनपद के ही खरडी, बसंतपुर में आवासों की भी जांच की गई, तब पता चला कि यहां तो सिर्फ कागजों में ही घरों का निर्माण कराया जा रहा है। असल हितग्राहियों को घर तक नहीं मिला है।
फुलझड़ियां बाई का भी घर सिर्फ पन्नों में ही है। इतना ही नहीं फुलझड़ियां बाई के घर के लिए दूसरों के नाम पैसे भी निकाले लिए गए हैं। इसके बाद फुलझड़ियां बाई ने पेंड्रा थाना में मामले की शिकायत दर्ज कराई। फुलझड़ियां ने भी अपनी शिकायत में बताया कि प्रधानमंत्री आवास समन्वयक प्रकाश महिलांगे, कंप्यूटर ऑपरेटर राजेश गुप्ता और आवास मित्र द्रोपदी केवट ने मिलकर ये मिलीभगत की है।
सीईओ की शिकायत पर कुल 7 लोगों पर मामला दर्ज
पेंड्रा जनपद के सीईओ ने भी इस मामले की शिकायत दर्ज कराई कि प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर ग्राम पंचायत खरडी, तिलोरा बसंतपुर और आमाडांड में आवास मित्र एवं विकासखंड समन्वयक और डाटा इंट्री ऑपरेटर ने मिलीभगत कर वित्तीय अनियमितता भी की है। इसके बाद राजेश गुप्ता, द्रोपदी केवट, प्रकाश महिलांगे, अनूप सिंह, संतोष कुमार, सुमित्रा पैकरा, दिलीप ठाकुर के खिलाफ केस दर्ज किया गया। मामले में अनूप सिंह सेन्द्राम, संतोष कुमार, चंद्रशेखर, राजेश गुप्ता को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं, द्रोपदी, सुमित्रा और दिलीप फरार चल रहा है।