सड़कों पर रहने वाले खानाबदोशों और जरुरतमन्दों को सर्दी (Winter) से बचाने के लिए तो हर साल रैन बसेरे (Night shelter) बनाए ही जाते हैं. लेकिन, मानसून के दौर में ऐसे लोगों को बारिश से बचाने के लिए कोई इंतजाम नहीं होता. जयपुर ग्रेटर नगर निगम (Greater Nagar nigam) ने अब इस दिशा में काम करने के लिए कवायद शुरू कर दी है. इसको लेकर जगह चिन्हित करने का काम शुरू किया है. दो स्थानों पर जगह चिन्हित भी की गई है. दरअसल, जिन लोगों के पास सर्दी के दौर में रात गुजारने के लिए खुद की छत नहीं होती है. ऐसे जरूरतमन्द अक्सर सर्दियों में नगर निगम की ओर से बनाये गए रैन बसेरों में रात काटते है. रैन बसेरे उन्हें हाड़ कंपाती सर्दी से बचाते हैं. शहर के कई स्थानों पर इस तरह के रैन बसेरे बनाए जाते हैं.
सर्दी के मौसम में तो इन जरूरतमंदों की रात रैन बसेरों में कट जाती है, लेकिन विडम्बना इस बात कि जब मानसून का दौर होता है तो बारिश की बूंदों से बचने के लिए ऐसे जरूरतमन्दों के पास कोई उपाय नहीं होता. अब नगर निगम का इस ओर ध्यान गया है. ऐसे में जयपुर ग्रेटर नगर निगम ने इस दिशा में काम करने का मानस बनाया है. यह प्रयोग सफल रहता है तो हैरिटेज नगर निगम भी इस बारे में विचार कर सकता है.
शहर में दो स्थानों को किया चिन्हित किया
ग्रेटर निगम की सांस्कृतिक समिति की चेयरमैन दुर्गेश नंदिनी ने बताया कि जरूरतमंदों को बारिश के दिनों में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. इसको लेकर जगह चिन्हित करने का काम शुरू किया है. दो स्थानों पर जगह चिन्हित भी की गई है. उनके पास इंदिरा रसोई का भी संचालन हो रहा है.
संबंधित विभागों से चर्चा कर शुरू करेंगे
हालांकि, इन जगहों के मालिकाना हक को लेकर संबंधित विभागों से चर्चा की जाएगी. प्रायोगिक तौर पर शुरुआत में बारिश के दौर में दो स्थानों पर ये रैन बसेरे बनाए जाएंगे. सांस्कृतिक समिति इस कवायद में जुटी है कि इस मानसून के मौसम में ही इसकी शुरुआत कर दी जाए. यदि ये प्रयोग सफल रहे तो गर्मी को छोड़कर सर्दी और बारिश दोनों में रैन बसेरे संचालित रहेंगे.