राजस्थान

विधायकों की रायशुमारी के बाद अब कांग्रेस चुनाव घोषणापत्र के वादों की समीक्षा

प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अजय माकन (Ajay Maken) द्वारा प्रदेश के विधायकों की रायशुमारी के बाद अब चुनाव घोषणापत्र (Election manifesto) के क्रियान्वयन को लेकर दूसरी समीक्षा बैठक (Review meeting) आज होगी. इसी सप्ताह मुख्यमंत्री घोषणापत्र के कामों का रिव्यू कर चुके हैं. अब एआईसीसी द्वारा गठित मेनिफेस्टो कमेटी के अध्यक्ष ताम्रध्वज साहू जयपुर आकर घोषणापत्र के वादों के बारे में बैठक लेंगे.

मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर विधायकों से रायशुमारी करने के बाद प्रदेश प्रभारी दिल्ली वापस लौट चुके हैं. उन्होंने विस्तार से मंत्रियों के कामों का फीडबैक लिया और जाते-जाते संकेत दिए कि कई मंत्री सत्ता से संगठन के काम में आना चाहते हैं.

एक सप्ताह में दूसरी बार समीक्षा
इससे साफ संकेत मिलता है कि हाईकमान मंत्रिमंडल में फेरबदल चाहता है, जबकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मंत्रिमंडल विस्तार के ही पक्ष में हैं. मंत्रिमंडल के बारे में अंतिम निर्णय माकन द्वारा सोनिया गांधी को रायशुमारी की रिपोर्ट देने के बाद ही होगा. बहरहाल इस बीच चुनाव घोषणापत्र के वादों को लेकर दूसरी समीक्षा की बात सामने आ रही है.

ताम्रध्वज करेंगे घोषणापत्र के वादों की समीक्षा
इसके लिए एआईएसीसी द्वारा गठित मेनिफेस्टो कमेटी के अध्यक्ष ताम्रध्वज साहू विशेष विमान से आज जयपुर पहुंचेंगे. छत्तीसगढ़ सरकार में कैबिनेट मंत्री साहू दो बजे मुख्यमंत्री निवास में बैठक लेंगे. इसमें कांग्रेस द्वारा चुनाव घोषणापत्र में किए गए वादों की समीक्षा होगी. सरकार का आधा कार्यकाल बीत जाने के बाद घोषणा पत्र के कितने वादों पर अमल हो गया है. कितने वादों पर अमल होना बाकी है और इसके पूरा न होने के पीछे क्या कारण रहे.

सीएम ने दिए थे घोषणापत्र के वादे पूरे के निर्देश
काबिले गौर है कि घोषणा पत्र के वादों के बारे में यह एक सप्ताह में ही दूसरी बैठक होगी. इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विधायकों की रायशुमारी के बीच में ही चुनाव घोषणापत्र के वादों को लेकर समीक्षा बैठक कर चुके हैं. सीएम ने विभागवार घोषणा पत्र पर हुए काम का रिव्यू करते हुए सभी विभागों को समयबद्ध तरीके से काम करने को कहा था. सीएम ने मंत्रियों को घोषणा पत्र से जुड़े खुद के विभाग के कामों की लगातार मॉनिटरिंग करने का टास्क दिया. सरकार का आधा कार्यकाल बीत चुका है ऐसे में घोषणा पत्र के बचे हुए वादों पर काम में तेजी लाकर लगातार फोलोअप करने के उन्होंने निर्देश दिए.

सचिन गुट की मांगों में घोषणापत्र के वादे भी
दरअसल, सचिन पायलट गुट घोषणा पत्र में जनता से किए वादों को समय पर पूरा करने की मांग उठाता रहा है. सुलह कमेटी के सामने रखी गई मांगों में घोषणापत्र पर काम भी एक प्रमुख मांग थी. यही कारण है कि हाईकमान का राजस्थान पर फोकस होते ही घोषणापत्र को लेकर मॉनिटरिंग बढ़ा दी है और मंत्रियों की बैठक भी बुला ली, ताकि पायलट कैंप इसे मुद्दा न बना ले.

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