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भारत में ऑनलाइन गैंबलिंग के खिलाफ PIL, HC का केंद्र और राज्य को नोटिस

लखनऊ. विदेशी संस्थाओं द्वारा भारत में ऑनलाइन गैंबलिंग (Online Gambling) के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने केंद्र व राज्य सरकार के साथ ही निजी पक्षकारों को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने सभी पक्षकारों से चार हफ्ते में जवाब मांगा है. समाजसेवी शिमला श्री त्रिपाठी की ओर से दाखिल जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि देश और प्रदेश में लगभग 500 वेबसाइट पर ऑनलाइन गैंबलिंग चल रही है. जो कि भारत में गैंबलिंग एक्ट 1867 के प्रावधानों के विपरीत और दंडनीय है.

जनहित याचिका में कहा गया है कि ऑनलाइन गैंबलिंग से देश की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंच रहा है. इससे देश का पैसा इंडियन सर्विस प्रोवाइडर जैसे पेटीएम के जरिए विदेशों में हवाला की तरह जा रहा है. लॉकडाउन के दौरान विदेशी कंपनियां भारतीय युवाओं को टारगेट कर ऑनलाइन गैंबलिंग खिला रही हैं और जब भारतीय युवा उसमें पैसा इन्वेस्ट करते हैं तो कंपनियां वेबसाइट बंद कर भाग जाती हैं. जिससे न केवल उन युवाओं को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है बल्कि देश का पैसा भी पेटीएम जैसी कंपनियों के जरिए विदेश को चला जाता है.

जनहित याचिका में कहा गया है कि ऑनलाइन गैंबलिंग मानव कौशल पर आधारित न होकर संयोग पर आधारित है इसलिए इसे जुआ की परिभाषा में माना जाता है. इसके तहत एक रंग लाल या हरा चुनना होता है. हरे रंग के आने पर आर्थिक लाभ और लाल न आने पर आर्थिक हानि होती है.

पहले युवाओं को 7 व 3 के आधार पर लाभ और बाद में 3 व 7 के अनुपात में सुनियोजित हानि होती है. इस खेल में कभी-कभी वेबसाइट बंद हो जाती है और दूसरी खुल जाती है. ऐसा होने पर खेलने वाला बहुत आर्थिक नुकसान उठा लिया होता है.

जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि ऑनलाइन गैंबलिंग में विदेशी कंपनियां शामिल हैं और ज्यादातर पैसा चीन स्थित वेबसाइट को जाता है, क्योंकि खेलने वाला पेटीएम के माध्यम से भुगतान करता है. याचिका में डेढ़ सौ साल से ज्यादा पुराने गैंबलिंग एक्ट में बदलाव और इन‌ वेबसाइट पर बैन लगाने की मांग की गई है.

याची अधिवक्ता शशांक श्री त्रिपाठी के मुताबिक ऑनलाइन वेबसाइट के जरिए 1100 करोड़ का खुलासा हैदराबाद पुलिस कर चुकी है. कोरोना काल में बैठे 17 साल से 25 साल के युवाओं को यह ऑनलाइन कंपनियां टारगेट कर रही हैं. प्रयागराज के भी कुछ युवाओं को इन कंपनियों द्वारा लाखों का चूना लगाया गया है. जिसके बाद ये जनहित याचिका दाखिल की गई है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 15 सितंबर को होगी. एक्टिंग चीफ जस्टिस एमएन भंडारी की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है

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