अवकाश के दौरान सैनिकों पर चरमपंथी या असामाजिक तत्वों द्वारा हमले को लेकर केंद्र सरकार ने एक स्पष्टीकरण जारी किया है. इसके मुताबिक, अगर छुट्टी पर रहने के दौरान किसी सैनिक पर कोई आतंकी या फिर किसी चरमपंथी समूह का हमला होता है और उस हमले में उसकी जान चली जाती है, तो ऐसे में यह माना जाएगा सेना के उस जवान की मृत्यु ड्यूटी पर हुई है.
ऐसी स्थिति में जवान को वे सारे मुआवजे उसी तरह दिए जाएंगे, जो ऑन ड्यूटी शहीद हुए जवानों को मिलते हैं. रक्षा मंत्रालय के द्वारा जारी यह आदेश सेना के तीनों अंगों – थल सेना, वायु सेना और जल सेना – पर लागू किया गया है.
रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में सैनिकों की छुट्टी को लेकर स्थित स्पष्ट करने की कोशिश की गई है. मसलन कि अगर सैनिक अवकाश के समय अपने घर पर हो या फिर कहीं और… तो क्या ऐसे में भी किसी चरमपंथी गुट या असामाजिक तत्वों द्वारा हमले में उसकी मौत को ऑन ड्यूटी मौत की तरह माना जाएगा या नहीं. हालांकि अब मंत्रालय ने अपने आदेश में यह बिल्कुल स्पष्ट कर दिया है.