डिजिटल रूप से वित्तीय सेवाएं मुहैया कराने वाली कंपनी पेटीएम अपने प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) का आकार बढ़ाकर 18,300 करोड़ रुपये करेगी. सूत्रों के मुताबिक कंपनी के सबसे बड़े शेयरधारक अलीबाबा समूह की फर्म एंट फाइनेंशियल और सॉफ्टबैंक सहित अन्य मौजूदा निवेशकों ने पेटीएम में अपनी अधिक हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया है.
इससे पहले कंपनी की योजना आईपीओ के जरिए कुल 16,600 करोड़ रुपये जुटाने की थी, जिसमें 8,300 करोड़ रुपये का फ्रेश इश्यू और 8,300 करोड़ रुपये की बिक्री पेशकश (OFS) शामिल थी. मौजूदा शेयरधारकों द्वारा अधिक हिस्सेदारी बेचने के फैसले से ओएफएस का आकार 1,700 करोड़ रुपये बढ़कर 10,000 करोड़ रुपये हो जाएगा.
OFS में बड़ा हिस्सा एंट ग्रुप का
एक सूत्र ने कहा, ‘‘बिक्री पेशकश का लगभग आधा हिस्सा एंट फाइनेंशियल और बाकी अलीबाबा, एलिवेशन कैपिटल, सॉफ्टबैंक और अन्य मौजूदा शेयरधारकों द्वारा है.’’ पेटीएम ने अपने आईपीओ दस्तावेज में सॉफ्टबैंक द्वारा हिस्सेदारी बेचने का जिक्र नहीं किया था. एंट फाइनेंशियल को नियामकीय आवश्यकताओं के तहत अपनी हिस्सेदारी 25 प्रतिशत से नीचे लाने के लिए कम से कम पांच प्रतिशत हिस्सेदारी बेचनी है.
देश का सबसे बड़ा आईपीओ होगा
पेटीएम का यह आईपीओ देश का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ होगा. अभी तक यह रिकॉर्ड कोल इंडिया लिमिटेड (Coal India Limited) के पास था, जो 2010 में 15,000 करोड़ रुपये के आईपीओ के साथ मार्केट में आई थी.
ग्रे मार्केट में रेट
मार्केट के जानकारों के मुताबिक, अनलिस्टेड मार्केट (Unlisted Market) में पेटीएम इस समय 3300-3400 रुपये के स्तर पर ट्रेड कर रहा है. अनलिस्टेड शेयरों से जुड़े एक एक्सपर्ट ने बताया, “पेटीएम काफी नाजुक स्तर पर कारोबार कर रहा है. उम्मीद की जा रही है कि पेटीएम के आईपीओ का प्राइस बैंड अनलिस्टेड मार्केट में चल रहे कीमतों से कम होगा. अगर ऐसा होता है तो पेटीएम की अनलिस्टेड कीमत में गिरावट देखने को मिल सकता है. इसके अलावा अनलिस्टेड मार्केट में रेट ज्यादा होने से शेयरों के कारोबार का वॉल्यूम कम हो गया है.”
अनलिस्टेड मार्केट में पिछले 3 सालों से पेटीएम के शेयरों में कारोबार हो रहा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक पेटीएम, आईपीओ से मिली रकम का इस्तेमाल अपने मौजूदा बिजनेस लाइन को बढ़ाने और नए मर्चेंट और ग्राहकों को अपने नेटवर्क पर जोड़न पर करेगी.