छत्तीसगढ़

बस्तर के CRPF कैंप्स में नक्सली लगातार कर रहे BGL से हमले, पांच महीनों में कितना हुआ नुकसान?

 छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सलियों से निर्णायक लड़ाई लड़ने के लिए लगातार फोर्स अपनी ताकत बढ़ा रही है. इसके लिए घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नए पुलिस कैंप स्थापित करने के साथ नक्सलियों के माढ़ इलाकों में भी सर्चिंग अभियान तेज कर दी गई है. बस्तर में तैनात केंद्रीय सुरक्षा बल और बस्तर के DRG  पुलिस ने भी एंटी नक्सल ऑपरेशन तेज कर दी है. इधर पिछले कुछ महीनों से नक्सलियों पर पुलिस के बढ़ते दबाव से नक्सली भी पूरी तरह से बौखलाए हुए हैं. एक तरफ जहां नक्सली जवानों को नुकसान पहुंचाने के लिए गुरिल्ला वार कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ नए पुलिस कैंप में भी हमले तेज कर दिए हैं. 

बस्तर पुलिस से मिली रिपोर्ट

बीते कुछ महीनों में बस्तर संभाग के अलावा राजनांदगांव और प्रदेश के नक्सल प्रभावित इलाको में नक्सलियों ने पुलिस कैंपों में ग्रेनेड लॉन्चर के साथ ही अत्याधुनिक हथियार से हमला किया है. बस्तर पुलिस से मिली रिपोर्ट के मुताबिक नक्सलियों ने 80 से 100 ग्रेनेड लॉन्चर से अंदरूनी क्षेत्रों के नए पुलिस कैंपो में हमला किया है. हालांकि इन हमलों में जवानों और पुलिस कैंप को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है.

पिछले 5 महीनों में 100 ग्रेनेड लॉन्चर कैंपो में दागे 

केंद्रीय सुरक्षा बल के अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक बस्तर के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में मौजूद CRPF कैंपो में नक्सलियों के द्वारा लगातार हमले किए जा रहे हैं. खासकर नक्सलियों द्वारा हाल ही में स्थापित नए पुलिस कैंपो को टारगेट बनाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि नक्सली बैरल ग्रेनेड लांचर (BGL)  से हमले कर रहे हैं. पिछले 5 महीनों में लगभग 80 से 100 बैरल ग्रेनेड लांचरों को पुलिस कैंपो में दागा गया है. अधिकतर ग्रेनेड लॉन्चर सुकमा, नारायणपुर, कांकेर के बीएसएफ कैंप और सीआरपीएफ कैंपो में दागा गया है.

रणनीति के तहत कर रहे हमला

हालांकि राहत वाली बात यह रही कि नक्सलियों के इन हमलों से पुलिस कैंप और जवानों को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है लेकिन हाल ही में सुकमा के एक कैम्प में नक्सलियों द्वारा रॉकेट लॉन्चर से किये गए हमले में कैंप में मौजूद एक जवान को हल्की चोट आई थी. उनकी स्थिति अब सामान्य है. जिस तरह से नक्सली एक रणनीति के तहत इन कैंपों में ग्रेनेड लॉन्चर से हमला कर रहे हैं उससे फोर्स को एक बड़ा नुकसान पहुंचाने के फिराक में हैं.

हालांकि हमले के दौरान नक्सलियों के ऐसे कई ग्रेनेड लॉन्चर फेल साबित हो रहे हैं. नक्सलियों द्वारा खराब निर्माण के चलते कई बार ये ग्रेनेड लॉन्चर विस्फोट ही नहीं होते हैं और नक्सली अपने नापाक मंसूबों में कामयाब नहीं होते.

नक्सलियों से लड़ी जा रही निर्णायक लड़ाई 

इधर बस्तर आईजी सुंदरराज पी का कहना है कि नक्सलियों द्वारा ये हमले सुरक्षा बलों को नए कैंप खोले जाने से रोकने के लिए किए जा रहे हैं. वर्तमान में पूरे बस्तर में एक लाख से अधिक जवान नक्सल मोर्चे पर तैनात हैं. इसमें सीआरपीएफ, बीएसएफ, कोबरा बटालियन, आईटीबीपी, सीएएफ और इसके अलावा स्थानीय पुलिस के साथ DRG के जवान शामिल हैं. वहीं आने वाले समय में और भी केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती बस्तर में होनी है ताकि नक्सलियों से आर पार की लड़ाई कर बस्तर को नक्सल मुक्त किया जा सके.

नक्सलियों में बौखलाहट

इस रणनीति से नक्सली पूरी तरह से बौखलाए हुए हैं और जवानों को नुकसान पहुंचाने के लिए इस तरह के हमले कर रहे हैं. इधर जवान भी अब पूरी तरह से सतर्कता बरत रहे हैं. जिन कैंपों में नक्सली हमले कर रहे हैं वहां नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब जवान दे रहे हैं. इस वजह से छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सली पिछले सालों की तुलना में काफी बैकफुट पर हैं.

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