सिवनी
मादा बाघ का दो दिन पुराना शव पेंच पार्क प्रबंधन को घाटकोहका बफर क्षेत्र में मिला है। मादा बाघ के शरीर के सभी महत्वपूर्ण अंग दांत, नाखून, पंजे इत्यादि सुरक्षित पाए गए हैं। पेंच अधिकारियों के मुताबिक प्रारंभिक जांच में शिकार की संभावना दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही है। बाघ की स्वभाविक मौत होने की संभावना है। मैदानी अमला क्षेत्र में लगातार छानबीन कर रहा है। प्रयोगशाला से फारेसिंक रिपोर्ट मिलने के बाद बाघ की मौत का वास्तविक कारण स्पष्ट हो सकेगा। पेंच टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर रजनीश सिंह ने नईदुनिया को बताया कि सूचना पर परिक्षेत्र अधिकारी घाटकोहका ने वन अमले के साथ मौका निरीक्षण किया।
अधिकारियाें के निर्देश पर डाग स्क्वायड तथा वनकर्मियों द्वारा शव के आसपास के इलाके में छानबीन करने सर्चिंग अभियान चलाया गया। छानबीन के दौरान घटनास्थल के आसपास बाघ का शिकार संबंधी किसी तरह के साक्ष्य नहीं मिले हैं। बाघ के सभी दांत, पैरों के पंजे, नाखून, मूछ के बाल इत्यादि शरीर में पाए गए। मादा बाघ की उम्र दो से तीन साल होने का अनुमान है। बाघ की मौत पर वन अपराध दर्ज कर मौत के कारणों का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की गाइड लाइन के मुताबिक मौके पर वन्यप्राणी चिकित्सक से मादा बाघ का पोस्ट मार्टम कराया गया। पेंच टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक तथा एनटीसीए प्रतिनिधि की उपस्थिति में बाघ का शव जला दिया गया है।
पेंच में चल रही फ्रेंड्स आफ द टाइगर मीट
रविवार को पेंच टाइगर रिजर्व के खवासा के इंटरपिंटेशन कान्फ्रेंस हाल में 26 मई को मप्र टाइगर फाउंडेशन सोसाइटी द्वारा एक दिवसीय ’फ्रेंड्स आफ द टाइगर मीट’ रखी गई है। इस बैठक में शामिल होने मध्य प्रदेश के विभिन्न वन्यप्राणी क्षेत्रों में कार्यरत अशासकीय संस्थाओं व व्यक्तियों के अतिरिक्त सभी टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक तथा राष्ट्रीय उद्यान के संचालक एकत्रित हुए हैं।
मध्यप्रदेश के प्रधान मुख्य वन्य प्राणी अभिरक्षक डा. अतुल श्रीवास्तव की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में प्रदेश में वन्यप्राणी प्रबंधन की चुनौतियों तथा उन चुनौतियों से निपटने में अशासकीय संस्थाओं, व्यवसायिक सीआरएस तथा इच्छुक व्यक्तियों के योगदान को बढ़ाने संबंधी संभावनाओं में परिचर्चा होगी। परिचर्चा प्रारंभ होने से पहले पेंच टाइगर रिजर्व के घाटकोहका बफर में वयस्क मादा बाघ का शव मिला है।