सूरत. जीवन आदर्श उत्कर्ष परिषद और अग्रवाल विकास ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को 31वें हेल्थ अवेरनेस पर वेबिनार किया गया। लॉकडाउन-1 से लेकर अनलॉक-1 तक लोगों के ‘मानसिक स्वास्थ्य’ पर असर और उबरने के बारे में मनोचिकित्सक डॉ. कौशिक गुप्ते ने जानकारी दी। डॉ. गुप्ते ने बताया कि कोविड- 19 के चलते 22 मार्च को जनता कर्फ्यू और फिर लॉकडाउन में लोगों में धीरे-धीरे नेगेटिविटी चिंता और भय की परिस्थिति बनती गई।
पॉजिटिविटी के साथ काम करने से आगे चलकर एक अच्छा युग मिलेगा: डॉ गुप्ते
अब इन समस्याओं से बाहर आने से लिए हमारे सामने दो स्थितियां हैं। एक पॉजिटिव और दूसरी निगेटिव। सकारात्मक सोच के साथ काम करेंगे तो इन समस्याओं से छुटकारा मिलेगा। डॉक्टर गुप्ते ने कहा कि पॉजिटिविटी के साथ काम करने से हमें आगे चलकर एक अच्छा युग मिलेगा।
पीएम ने बंधाया ढांढस
लॉकडाउन -1 तक लोगों में उदासीनता, चिंता, पैनिक डिसऑर्डर और ओसीडी ये चार मानसिक समस्याएं दिखने लगी। इस दौरान पीएम मोदी ने जनता को मानसिक स्वास्थ्य को मजबूती देने के उद्देश्य से पहले ‘जान है तो जहान है’, फिर जान भी और जहान भी और उसके बाद आत्मनिर्भरता का संदेश दिया।