राजस्थान में नगर निगम चुनाव (Rajasthan Nagar Nigam Chunaav 2020) 31 अक्टूबर तक कराए जाने के राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली राजस्थान सरकार की याचिका को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली.
राजस्थान स्थित जयपुर समेत जोधपुर और कोटा में नगर निगम चुनाव (Rajasthan Nagar Nigam Chunaav 2020) 31 अक्टूबर तक कराए जाने के राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली राजस्थान सरकार की याचिका को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस खानविलकर के अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने इस मामले की सुनवाई के दौरान राजस्थान सरकार से पूछा कि जब राजस्थान सरकार करोना काल में पंचायत चुनाव करवा सकती है तो फिर नगर निगम चुनाव कराने में राज्य सरकार को आपत्ति क्यों हैं?
राजस्थान सरकार की तरफ से पेश वकील ने कोर्ट में दलील देतेहुए कहा कि राजस्थान में कॅरोना के केसों की बढ़ोतरी लगातार हो रही है. लिहाजा 31 अक्टूबर तक नगर निगम चुनाव कराने में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
कोविड-19 के सावधानियों को बरतते हुए करवाएं चुनाव
इस पर मामले की सुनवाई करने वाले जजों की पीठ ने राजस्थान सरकार से कहा कि देश के कई राज्यों में चुनाव हो रहे हैं और देश में कई बड़े परीक्षाएं भी करोना काल में ही आयोजित करवाई गई हैं. तो ऐसे में राजस्थान सरकार को नगर निगम चुनाव भी कोविड-19 के सावधानियों को बरतते हुए करवाना चाहिए.
हालांकि मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में राजस्थान चुनाव आयोग को 1 हफ्ते के भीतर चुनाव से संबंधित नोटिफिकेशन जारी करने का आदेश दिया है. साथ ही साथ सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान चुनाव आयोग को यह भी कहा है कि अगर उन्हें चुनाव से संबंधित तारीख को बनवाना है तो वह राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर सकते हैं.
राजस्थान हाइकोर्ट 3 बार बढ़ा चुका है निगम चुनाव का समय
कोरोना के मद्देनजर राज्य सरकार ने चुनाव टालने के गुहार लगाई थी. आपको बता दे कि राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कोरोना संक्रमण के हालातों का हवाला देते हुए राजस्थान में 3 जगह के नगर निगम चुनाव टालने का आग्रह किया था. याचिका में सरकार ने कहा तब कि ऐसे हालातों में नगर निगमों के चुनाव कराया जाना संभव नहीं है.
हालांकि हाईकोर्ट ने इस मामले में 18 मार्च को आदेश जारी कर जयपुर जोधपुर और कोटा की 6 नगर निगमों के चुनाव 17 अप्रैल से आने वाले 6 हफ्ते के लिए स्थगित कर दिए थे. वहीं कोर्ट ने 28 अप्रैल को इस तारीख को एक बार फिर 31 अगस्त तक बढ़ा दिया था. इसके बाद हाईकोर्ट में राज्य सरकार ने याचिका दाखिल किया था जिस पर 22 जुलाई को आदेश देते हुए कोर्ट ने एक बार फिर चुनाव की तारीख बढ़ाते हुए इसको 31 अक्टूबर कर दिया था.