नित्यानंद विवाद के चलते पिछले एक साल से चर्चाओं में अहमदाबाद के दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) पर आखिरकार आज पूर्ण विराम लग गया। गुजरात शिक्षा विभाग ने दिल्ली पब्लिक स्कूल की मान्यता रद्द कर दी है। स्कूल दोबारा खोलने के लिए संचालकों को 50 लाख रुपए का जुर्माना भरकर एनओसी लेनी होगी। नहीं तो स्कूल आधिकारिक रूप से स्कूल 1 अप्रैल 2021 से बंद कर दिया जाएगा। मान्यता रद्द करते हुए विभाग ने कहा कि बोर्ड को दिए गए अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) में कई अनियमितता और जालसाजी मिली है। इससे यहां पढ़ने वाले करीब 400 स्टूडेंट्स का भविष्य संकट में आ गया है। हालांकि, इस बारे में शिक्षा मंत्री भूपेंद्र सिंह चूड़ासमा ने इस स्कूल के विद्यार्थियों को बोपल की ब्रांच या अन्य नजदीकी स्कूलों में ट्रांसफर करने में मदद का आश्वासन दिया है।
पुलिस ने आश्रम में छापा मारकर बच्चों को छुड़ाया था
दरअसल, हाथीजण इलाके में स्थित डीपीएस स्कूल कैंपस में भगौड़े बाबा नित्यानंद का आश्रम भी चल रहा था। स्कूल ट्रस्ट ने जून, 2019 में कैंपस की जमीन नित्यानंद को किराए पर आश्रम (गुरूकुल) चलाने के लिए दे रखी थी। आश्रम में अवैध रूप बच्चों को बंधक बनाकर उनसे डोनेशनल मंगवाया जाता था। बेंगलुरु के एक दंपति ने अहमदाबाद आकर नित्यानंद के खिलाफ उनकी लड़कियों को अगवा करने की शिकायत दर्ज करवायी। जिसके बाद यह पूरा मामला सामने आया है। नित्यानंद आश्रम में बच्चों को बंधकर बनाकर रखता था। बच्चों को उनके मां-बाप से भी मिलने नहीं दिया जाता था। बच्चों को डराया जाता था कि मां-बाप से मिलने पर गुरु श्राप लगेगा। पुलिस ने आश्रम में छापा मारकर बच्चों को छुड़ाया था। मामला सामने आने के बाद सरकार की ओर से जांच करने के बाद डीपीएस स्कूल मान्यता रद्द करने की कार्रवाई चल रही थी।
गुरुकुल की तरह शिक्षा देने के लिए दी गई थी भूमि
गुजरात सरकार ने पूर्वी अहमदाबाद कैंपस में दिल्ली पब्लिक स्कूल से चलाए जा रहे नित्यानंद आश्रम की जांच में पाया कि, “सीबीएसई सचिव के 21.11.2019 के पत्र में राज्य सरकार के एनओसी को शिक्षा विभाग ने कभी नहीं जारी किया है। जांच में पाया गया कि कैलोरिक्स एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन, जो अहमदाबाद में डीपीएस स्कूलों को चलाता है, और नित्यानंदेश्वर देवस्थानम ट्रस्ट के बीच हुए समझौते के अनुसार 15 जुलाई 2019 को परिसर के एक हिस्से के बारे में निर्णय लिया गया। इसके अनुसार स्कूल की भूमि का एक हिस्सा और इससे लगी जमीन को जून, 2019 में नित्यानंद को किराए पर दे दिया था।
जमीन भी ट्रस्ट के नाम नहीं
शिक्षा विभाग के सचिव विनोद राव के मुताबिक, “एक और बड़ा उल्लंघन यह है कि आज भी यह जमीन भी ट्रस्ट के नाम पर नहीं है। यह एक किसान की है और इस भूमि पर गैर-कृषि उपयोग की अनुमति नहीं है।” प्राथमिक जांच में यह भी पता चला कि स्कूल ने राइट टू एजूकेशन तथा माध्यमिक और उच्च शिक्षा के नियमों का भी उल्लंघन किया है। डीपीएस ईस्ट में दाखिल आश्रम के 24 बच्चों में से 18 को बिना किसी सहायक दस्तावेज के लिया गया है।