बेटियों की सुरक्षा की चिंता-बहस के बीच सोमवार को राजकोट में 100 लड़कियों ने लाइसेंसी हथियार के लिए आवेदन किया। ये सभी सौराष्ट्र के अलग-अलग जिलों से राजकोट कलेक्टर कार्यालय पहुंची और लाइसेंसी हथियार के लिए फॉर्म भरा। दरअसल, ये विरोध प्रदर्शन राजकोट की 14 वर्षीय मितल केशुभाई परमार की अगुवाई में किया गया। मितल का कहना है कि हम राज्यपाल, मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री से कहना चाहते हैं कि यदि एक दिन में डिमोनेटाइजेशन हो सकता है, एक दिन में लॉकडाउन लग सकता है तो एक ही दिन में दुष्कर्मियों को सजा देने का कानून क्यों नहीं बन सकता है? ऐसा कानून बनाना चाहिए।
मितल ‘स्व-रक्षा ही हैवानियत से सुरक्षा का एकमात्र उपाय
‘ संदेश देता वीडियो बनाने के बाद चर्चा में हैं। इसमें उन्होंने कहा था कि देश में लड़कियों-महिलाओं पर जघन्य अपराध हो रहे हैं। लग रहा है कि कानून-व्यवस्था नाम की चीज ही न रही हो। आपको अपनी इज्जत-सम्मान की रक्षा स्वयं ही करनी पड़ेगी। सरकार कुछ करने वाली नहीं है। मितल ने कहा कि यदि सरकार लाइसेंस-हथियार देने से इनकार करती है तो सरकार हमारी जिम्मेदारी ले। हमारे साथ भविष्य में यदि कोई हादसा-घटना होती है, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी। हाल ही में हाथरस और अन्य जगहों में सामूहिक दुष्कर्म की वारदातें हुई हैं। विचार आया कि इन बेटियों के पास लाइसेंसी हथियार होता तो ये बच जातीं।