गुवाहाटी
असम में बाढ़ की स्थिति में मामूली सुधार हुआ है, हालांकि अब भी 27 जिलों में बाढ़ से प्रभावित लोगों की संख्या करीब 18.80 लाख है। अधिकारियों नेयह जानकारी दी।अधिकारियों ने बताया कि राज्य में छह और लोगों की मौत हो जाने से इस वर्ष बाढ़, भूस्खलन और तूफान से मरने वालों की संख्या बढ़कर 85 हो गई है।
ब्रह्मपुत्र सहित कई प्रमुख नदियां विभिन्न स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं तथा कुछ स्थानों पर बारिश होने का अनुमान है।
अधिकारियों ने बताया कि अब 27 जिलों में 18,80,700 लोग प्रभावित हैं जबकि करीब 22.75 लाख लोग बाढ़ से पीड़ित थे।
राज्य में धुबरी जिला बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित है, जहां करीब 4.75 लाख लोग बाढ़ की समस्या से जूझ रहे हैं। इसके बाद कछार में दो लाख से अधिक लोग और बारपेटा में करीब 1.36 लाख लोग बाढ़ से पीड़ित हैं।
अधिकारियों ने बताया कि प्रशासन 25 जिलों में 543 शिविर और राहत वितरण केंद्र चला रहा है तथा वर्तमान में 3,45,500 विस्थापित लोगों की देखभाल कर रहा है।राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल ( एसडीआरएफ) सहित कई एजेंसियों द्वारा प्रभावित क्षेत्रों में बचाव अभियान चलाया जा रहा है।
गुवाहाटी स्थित क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने बताया कि अगले 24 घंटों में अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में अलग-अलग स्थानों पर गरज के साथ बारिश हो सकती है।
असम के मौजूदा हालात पर बात करते हुए एक अधिकारी ने कहा, बाढ़ से प्रभावित 22.75 लोगों की तुलना में रविवार को 27 जिलों में 18.80 लाख प्रभावित थे। बाढ़ के कारण धुबरी बहुत ज्यादा प्रभावित हुआ है। यहां 4.75 लाख लोग बाढ़ के पानी में रहने को मजबूर है। इसके अलावा कछार में 2.01 लाख लोग और बारपेटा में 1.36 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।
प्रशासन की तरफ से राहत शिविरों का आयोजन
प्रशासन ने बाढ़ पीड़ितों के लिए 25 जिलों में 543 राहत शिविरों का आयोजन किया। इन शिविरों में 3,45,500 लोग रह रहे हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और एसडीआरएफ सहित कई एजेंसियों द्वारा प्रभावित क्षेत्रों में बचाव अभियान चलाया जा रहा है। गुवाहटी में क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने कहा कि असम और आसपास के राज्यों में चक्रवात का खतरा बना हुआ है।
ब्रह्मपुत्र नदी निमती घाट, तेजपुर, गुवाहाटी और धुबरी में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
अन्य प्रमुख नदियां सुबनसिरी ( बदाती घाट), बुरहिडीहिंग (चेनिमारी), दिखौ (शिवसागर), दिसांग ( नांगलमुराघाट), कोपिली (धरमतुल ), बराक (बी पी घाट), संकोश (गोलोकगंज) और कुशियारा ( करीमगंज) भी खतरे के निशान को पार कर गई हैं ।