राज्य सरकार ने कैबिनेट बैठक में अहम फैसले लिए हैं। इस बैठक में छत्तीसगढ़ कृषि उपज मण्डी (संशोधन) विधेयक-2020 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में सिविल लाइंस स्थित उनके निवास कार्यालय में इस बैठक का आयोजन किया गया था। सरकार ने औद्योगिक नीति में भी बड़े बदलाव करने का फैसला लिया है। मंत्रिपरिषद की बैठक आयोजित हुई। बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण के पुनर्गठन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया है।
जानिए अहम फैसले
- औद्योगिक नीति 2019-24 में संशोधन किया जाएगा। अब राज्य के वनोपज, हर्बल और वन पर आधारित अन्य उत्पादों का प्रसंस्करण (प्रोसेसिंग) इनका निर्माण और मूल्य संवर्धन के काम राज्य में ही किए जाएंगे। इसके लिए विशेष निवेश प्रोत्साहन पैकेज (वनांचल उद्योग पैकेज) दिया जाएगा। विशेष पैकेज के लिए लघु उद्योगों के द्वारा प्लांट एवं मशीनरी के तहत न्यूनतम 50 लाख और अधिकतम 5 करोड़ रुपए का निवेश करना होगा।
- छत्तीसगढ़ औद्योगिक भूमि एवं प्रबंधन नियम-2015 में संशोधन होगा । अब उद्योग विभाग द्वारा संचालित औद्योगिक क्षेत्रों में विद्युत उप केन्द्रों की स्थापना के लिए भूमि का आबंटन एक रुपए प्रतीकात्मक प्रीमियम राशि (टोकन मनी) पर बिना किसी लीज रेंट, सिक्यूरिटी डिपॉजिट के होगा।
- कोविड-19 की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए ऐसी औद्योगिक इकाईयां जिन्होंने उत्पादन शुरू नहीं किया और उनका पट्टा निरस्त होने की कगार पर हो, उन्हें प्रचलित प्रब्याजी का 10 प्रतिशत अतिरिक्त भुगतान करने पर उत्पादन प्रारंभ करने के लिए एक वर्ष की अतिरिक्त अवधि जो 31 अक्टूबर 2021 को समाप्त होगी, दी जाएगी।
- छत्तीसगढ़ में नशा मुक्ति अभियान के लिए, शुरू की गई भारत माता वाहिनी योजना को समाज कल्याण विभाग को सौंपने का निर्णय लिया गया।
- भारत सरकार, जल शक्ति मंत्रालय, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा ‘जल जीवन मिशन‘ के संबंध में निर्णय लिया गया कि-जल जीवन मिशन के सभी टेंडर को निरस्त करके भारत सरकार के निर्देशानुसार कार्यवाही की जाए।
रविंद्र चौबे ने कहा था ड्राफ्ट तैयार है
केंद्र सरकार के कृषि कानूनों का कांग्रेस सरकार विरोध कर रही है। इसे पूंजीपतियों को फायदे पहुंचाने वाला कानून बता रही है। छत्तीसगढ़ सरकार ने करीब 15 दिन पहले यह घोषणा की थी कि नया कानून बनाया जाएगा। कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश में नए कृषि कानून को लेकर हमने ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। इसे विधानसभा में पेश करने की तैयारी है। इस ड्राफ्ट में श्रम कानून, फार्मिंग का बिल, मंडी के नियमों को शामिल किया गया है। हम हम किसानों, मजदूरों और उपभोक्ता के साथ है। सभी वर्गों को साथ रखकर ड्राफ्ट तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जो कानून लेकर आ रही है उसमें धान खरीदी की प्रक्रिया परेशानी में आ जाएगी, गरीबों को जो एक रुपए किलो में चावल मिलता है, वह प्रभावित होगा। मिलों से मजदूरों को निकाला जाएगा। हम यह सब नहीं होने देंगे।