कपडा बाजार के दो बड़े मुख्य घटक यानि कि ट्रेडर्स और प्रोसेसर्स(व्यापारी और मिल मालिक) एक दूसरे के पूरक हैं। एक दूसरे के बिना कपड़े कारोबार संभव नहीं है। कुछ व्यापारी और मिल मालिकों की गलत नीतियों के कारण दोनों को नुकसान हो रहा है।
सूरत मर्कन्टाइल एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र साबू और साउथ गुजरात प्रोसेसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेंद्र बखारिया व्यापारियों की समस्याओं को हल करने के लिए अापस में विचार-विमर्श किया। दोनों पक्षों की सहमति से जल्द ही एक कमेटी का गठन किया जाएगा।
कमेटी व्यापारियों की समस्याओं को सुनने के बाद हल करने की कोशिश करेगी। शनिवार को हुई बैठक में सूरत मर्कन्टाइल के अध्यक्ष नरेंद्र साबू, राजीव ओमर, महेश पाटोदिया, दुर्गेश टिबड़ेवाल, किशन गडोदिया, संजयभाई, राजेश बंसल और सचिन जैन माैजूद थे।
ग्रे रोकना और पेमेंट न देना सबसे बड़ी समस्या
कपड़ा व्यापारी और प्रोसेसर्स के बीच पेमेंट और ग्रे रोकने की की सबसे बड़ी समस्या होती है। कपड़ा व्यापारी ने अगर प्रोसेसर्स का पेमेंट रोका हो तो प्रोसेसर्स भी ग्रे मंगाने के बाद प्रिंट नहीं करते हैं। इसके अलावा प्रिंटिंग रेट को लेकर भी ट्रेडर्स और प्रोसेसर्स में अक्सर तकरार होती रहती है।
सचिन की मिल का 8 लाख पेमेंट दिलवाया
सूरत मर्कन्टाइल एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र साबू ने बताया कि पिछले हफ्ते सचिन की एक प्रिंटिंग मिल का 8 लाख रुपए का पेमेंट बकाया था। आदर्श मार्केट का व्यापारी पेमेंट नहीं दे रहा था। दोनों के बीच बातचीत करके समस्या को सुलझा लिया गया है। एसोसिएशन की मदद से मिल मालिक को पूरा पेमेंट दिलाया गया।