गुरुवार को रिश्वत लेते गिरफ्तार हुए मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवेज के टेक्निकल असिस्टेंट सीताराम वर्मा के जयपुर स्थित घर पर शुक्रवार को एंट्री करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने सर्च अभियान चलाया। यहां एसीबी को 48 लाख रुपए नकद मिले हैं। वर्मा ने यह रकम घर में एक अलमारी के बेस में गोपनीय तरीके से बने लॉकर में छिपा रखी थी। इस रकम को एसीबी ने सीज कर दिया है। इन नोटों को गिनने के लिए एसीबी को मशीन मंगवानी पड़ी।
दरअसल, गुरुवार को एसीबी ने सीताराम वर्मा और एक्सईएन दानसिंह मीणा को 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। दोनों अफसरों ने यह रिश्वत बीकानेर के नोखा में पेट्रोल पंप को एनओसी देने की एवज में मांगी थी।एसीबी के एडीजी एमएन दिनेश ने बताया कि सीताराम का जयपुर में 4 मंजिला मकान है। उसका बगल में ही एक और मकान बन रहा है। सर्चिंग के दौरान वर्मा के घर से एसीबी को तीन लग्जरी कारें भी मिली हैं। उनका रजिस्ट्रेशन नंबर चेक किया जा रहा है। इसके अलावा कई प्लाट के दस्तावेज और कई बैंक अकाउंट होने की भी जानकारी सामने आई है। एसीबी को सीताराम वर्मा के घर से एक लॉकर की चाबी मिली है। इस लॉकर को भी एसीबी खुलवाएगी। माना जा रहा है कि लॉकर में भी गहने और नकद बरामद होगी।
आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज होगा
सीताराम को यह आय कहां से अर्जित हुई। इस संबंध में सीताराम वर्मा और उनका परिवार कोई ठोस जवाब नहीं दे सका। एडीजी दिनेश ने बताया कि सीताराम वर्मा के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति दर्ज का केस दर्ज किया जाएगा।
गौरतलब है कि एसीबी ने गुरुवार दोपहर में अजमेर रोड स्थित मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवेज के ऑफिस में दबिश देकर एक्सईएन दानसिंह मीणा और टेक्निकल सहायक सीताराम वर्मा को 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। इन दोनों के खिलाफ बुधवार को बीकानेर के रहने वाले व्यक्ति ने शिकायत दर्ज करवाई थी।
इस शिकायत में कहा गया था कि बीकानेर के नोखा में हाइवे पर उसके पेट्रोल पंप के लिए एनओसी देने की एवज में 50 हजार रुपए की रिश्वत मांगी जा रही है। जिसका सत्यापन करने के बाद एएसपी नरोत्तम वर्मा और पुलिस इंस्पेक्टर नीरज भारद्वाज के नेतृत्व में एसीबी टीम ने कार्रवाई की थी। इनमें दानसिंह मुंबई आईआईटी में पढ़ चुका है। उसकी उम्र 27 साल है और इंडियन इंजीनियरिंग सेवा में चयन हुआ था।