पश्चिमी विक्षोभ के कारण बीती रात दक्षिण-पूर्वी राजस्थान के कई इलाकों में मावठ हुई, जो इन क्षेत्रों में बोई रबी की फसल के लिए अमृत साबित हुई। देर रात में तेज हवा चलने और बादलों की गर्जना के साथ ही शुरू हुई बारिश का दौर रूक-रूक आज तड़के चार बजे तक चला। मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक सुबह 8 बजे तक अजमेर, भीलवाड़ा, टोंक, जयपुर, कोटा, सवाई माधोपुर, बूंदी, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, बूंदी, सवाई माधोपुर, दौसा सहित डेढ़ दर्जन से ज्यादा जिलों में बारिश हुई।
राजधानी जयपुर की बात करें तो आज सुबह 9.30 बजे तक आसमान में हल्के बादल छाये रहे और हवा भी चली। इससे पहले तड़के 2.2 मिमी बारिश भी हुई। हालांकि न्यूनतम तापमान में कोई खास बदलाव नहीं हुआ। अन्य शहरों में हुई बारिश की बात करें तो सबसे ज्यादा बूंदी जिले में 17 मिमी बारिश हुई है। इसके अलावा चित्तौड़गढ़ में 16 और सवाई माधोपुर में 11 मिमी बारिश दर्ज हुई।
मौसम विभाग ने अब आगामी 27, 28 और 29 नवंबर को झुंझुनूं, सीकर, चूरू, हनुमानगढ़, गंगानगर में शीतलहर चलने की चेतावनी जारी की है साथ ही प्रदेश के अन्य शहरों के तापमान में 3-4 डिग्री तक की गिरावट दर्ज होने और सर्दी बढ़ने की संभावना जताई है।
गेंहू, सरसों और चने की खेती के लिए अमृत
कृषि व बागवानी से जुड़े एक्सपर्ट ने बताया कि प्रदेश में लगभग सभी जगहों पर रबी की फसल बोई जा चुकी है। इसमें गेंहू, सरसों, चना, जौ, तिलहन प्रमुख है। इन खेती के लिए ये अमृत समान है, जिससे अब आगामी कुछ दिनों तक किसानों को सिंचाई करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्होने बताया कि जैसे ही मौसम साफ होगा और ओस पड़ेगी उससे भी खेतों को पानी मिलेगा।
ये रहा प्रमुख शहरों का न्यूनतम तापमान
अजमेर, भीलवाड़ा में 14.4, जयपुर 15, वनस्थली (टोंक ) 8, पिलानी 11.9, सीकर 12, कोटा 16.6, सवाई माधोपुर 14, चित्तौड़गढ़ 15.2, उदयपुर 10, बाड़मेर 13.7, पाली 12.6, जैसलमेर 10.9, जोधपुर 14.4, माउंट आबू 5, बीकानेर 12.1, चूरू 12.5 और श्रीगंगानगर में न्यूनतम तापमान 10.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।