नई दिल्ली
जन्मजात दुश्मनी भूलकर बांग्लादेश अब पाकिस्तान से हथियारों की डील कर रहा है. बांग्लादेश वो दिन भूल गया जब इसी पाकिस्तान ने उसपर अत्याचार किए थे. लाखों बांग्लादेशियों को मारा था. लेकिन अब बांग्लादेश की सेना पाकिस्तान से बक्तार शिकन एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल खरीदने की तैयारी में है. बांग्लादेश ने हाल ही में पाकिस्तान ऑर्डिनेंस फैक्ट्री से आर्टिलरी एम्यूनिशन और एटीजीएम ऑर्डर किया है. आइए जानते हैं कि इस मिसाइल सिस्टम से बांग्लादेश की सेना को क्या फायदा होगा? वो इन हथियारों का इस्तेमाल कहां और किस तरह से कर सकता है. क्या इससे भारत के लिए चिंता की कोई बात है?
असल में पाकिस्तान की एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल बक्तार शिकन देखने में चीन के नॉर्निको HJ-8 यानी हॉन्ग जैन 8 जैसा दिखता है. माना जाता है कि पाकिस्तान ने चीन से लाइसेंस लेकर इसका निर्माण अपने यहां किया और उसका नाम बदल दिया. यह अपने टारगेट को ऑप्टिकल एमिंग, इंफ्रारेड ट्रैकिंग के जरिए हिट करता है.
ट्राईपॉड लगाकर दागी जाती है मिसाइल
इसे रिमोटली कंट्रोल किया जा सकता है. साथ ही तार से ट्रांसमिट होने वाले गाइडेंस सिग्नल से भी टारगेट तक पहुंचाया जा सकता है. इस पूरे सिस्टम का वजन 250 किलोग्राम होता है. इसे ट्राईपॉड पर लगाया जाता है. यह कंधे पर रखकर दागने लायक नहीं है. इसकी लंबाई 5.13 फीट और व्यास 4.72 इंच होता है.
इसमें लगने वाला हथियार सिर्फ टैंक के लिए
इस मिसाइल लॉन्चर में जो मिसाइल दागी जाती है, उसमें आमतौर पर HEAT वॉरहेड लगाया जाता है. यानी हाई-एक्सप्लोसिव एंटी-टैंक हथियार. जो किसी भी टैंक से टकराने के बाद उसकी धज्जियां उड़ा देता है. उसमें विस्फोट करके आग लगा देता है. ऐसे में दुश्मन के सैनिक टैंक में ही जलकर खाक हो जाते हैं. टैंक बर्बाद हो जाता है. इस हथियार के बांग्लादेशी सेना के पास होने से भारतीय सीमा पर थोड़ी दिक्कत आ सकती है. लेकिन ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा. क्योंकि भारतीय सेना के पास ज्यादा हल्के, सटीक, तेज और वैराइटी के एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलें हैं, जो इन हथियारों की धज्जियां उड़ा देंगे.