दिल्ली देश का सबसे बड़ा व्यापारिक वितरण केंद्र है जहां देश के विभिन्न राज्यों से दिल्ली में माल आता है और दिल्ली से देश के समस्त राज्यों में चला जाता है.
किसान आंदोलन को दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर 27 दिन हो चुके हैं. हालांकि आंदोलन के पहले दिन से ही किसानों ने ऐलान कर दिया था कि जरूरी सामान लेकर जा रही किसी भी गाड़ी को नहीं रोका जाएगा. बावजूद इसके व्यापारी संगठनों द्वारा किसान आंदोलन के चलते कारोबार में नुकसान का दावा किया जा रहा है. दिल्ली के व्यापारियों ने भी किसान आंदोलन के चलते हर रोज़ 5 हज़ार करोड़ के नुकसान का दावा किया है. देश के व्यापारियों के सबसे बड़े संगठन कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने बताया दिल्ली में कैसे होता है हर रोज़ 5 हज़ार करोड़ से भी ज़्यादा का कारोबार.
50 हज़ार गाड़ियां हर रोज़ सामान लेकर आती हैं दिल्ली
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल का कहना है कि दिल्ली में हर रोज़ करीब 50 हज़ार गाड़ियां देशभर के राज्यों से सामान लेकर दिल्ली आती हैं और वापसी में करीब 30 हज़ार गाड़ियां दिल्ली से बाहर अन्य राज्यों के लिए सामान लेकर जाती हैं.
दिल्ली में हैं छोटे-बड़े 3500 बाज़ार
राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि दिल्ली में सभी तरह के मिलाकर छोटे-बड़े करीब 3500 बाज़ार हैं. अकेले पुरानी दिल्ली के कश्मीरी गेट, चावड़ी बाज़ार, सदर बाज़ार, क़रोल बाग, पहाड़गंज, दरियागंज आदि इलाकों में 700 के करीब बाज़ार है. इसके अलावा बाकी बची दिल्ली में 2800 से बाज़ार हैं.
दिल्ली में पड़ोसी राज्यों के व्यापारी करते हैं खरीदारी
राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल का कहना है, दिल्ली न तो कृषि राज्य है और न ही औद्योगिक. दिल्ली देश का सबसे बड़ा व्यापारिक वितरण केंद्र है जहां देश के विभिन्न राज्यों से दिल्ली में माल आता है और दिल्ली से देश के समस्त राज्यों में चला जाता है. पिछले बीस दिनों में दिल्ली और आसपास के राज्यों में लगभग 5000 हजार करोड़ रुपये का व्यापार प्रभावित हुआ है. अकेले 500 करोड़ रोज़ाना का कारोबार तो पड़ोसी राज्यों से आने वाले व्यापारियों से ही होता है.
दिल्ली में इन रास्तों से आता है यह सामान
प्रवीन खंडेलवाल ने बताया की मुख्य रूप से अन्य राज्यों से दिल्ली में एफएमसीज़ी प्रोडक्ट, सभी तरह का अनाज, फल-सब्ज़ी, किराने का सामान, ड्राई फ़्रूट, इलेक्ट्रोनिक्स, बिजली का सामान, दवाईयां, भवन निर्माण का सामान, लोहा-स्टील, कपड़ा, मशीनरी, बिल्डिंग हार्डवेयर, लकड़ी और प्लाइवुड, रेडीमेड कपड़े आदि हर रोज़ बड़ी संख्या और मात्रा में दिल्ली आते हैं. खासतौर से यह सभी सामान दिल्ली-जयपुर, दिल्ली-मथुरा, आगरा एक्सप्रेस वे, दिल्ली-ग़ाज़ियाबाद हाईवे, दिल्ली-चंडीगढ़ हाईवे आदि रास्तों से से आते हैं.