अमेरिकी संसद के अंदर और बाहर गुरुवार को हुई हिंसा के लिए डोनाल्ड ट्रम्प को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। ट्विटर ने उनके पर्सनल अकाउंट (@realDonaldTrump) को परमानेंट ब्लॉक कर दिया है। ट्रम्प का यह अकाउंट 4 मई 2009 को क्रिएट और एक्टिव हुआ था। इससे अब तक करीब 57 हजार ट्वीट किए गए।
जब ट्रम्प ने इसका इस्तेमाल शुरू किया था तो वे सिर्फ न्यूयॉर्क के रियल एस्टेट बिजनेसमैन थे। वक्त के साथ उनकी लोकप्रियता में इजाफा होता गया। 2016 में वे दुनिया के सबसे ताकतवर देश के राष्ट्रपति बने। ट्रम्प ने शुक्रवार को बतौर प्रेसिडेंट अपने ऑफिशियल अकाउंट @POTUS से ट्वीट किया, जिसे ट्विटर ने कुछ सेकंड के अंदर डिलीट कर दिया।
इस ऑफिशियल अकाउंट से ट्रम्प ने लिखा, ‘हम भविष्य में एक नया प्लेटफॉर्म बनाएंगे। हमारी आवाज दबाई नहीं जा सकती। ट्विटर हमारे अधिकार को दबाने में लगा है। ट्विटर ने डेमोक्रेट्स के साथ मिलकर मेरा अकाउंट ट्विटर से हटवा दिया। 7 करोड़ 50 लाख लोगों की आवाज को दबाया नहीं जा सकता।’
‘ताकि भविष्य में हिंसा न भड़के’
ट्विटर ने ट्रम्प के पर्सनल अकाउंट को हमेशा के लिए सस्पेंड कर दिया। ट्विटर ने कहा कि भविष्य में हिंसा के खतरे को भांपते हुए हमने ये फैसला लिया। ट्रम्प के अकाउंट के हाल में किए गए ट्वीट्स का रिव्यू किया गया था। ट्विटर ने इससे पहले चेतावनी दी थी कि ट्रम्प ने भविष्य में नियम तोड़े तो उनका अकाउंट हमेशा के लिए बंद किया जा सकता है।
फेसबुक ने कहा- ट्रम्प के वीडियो से हिंसा भड़कने का खतरा
फेसबुक ने भी उनके FB और इंस्टाग्राम अकाउंट पर दो हफ्ते के लिए रोक लगा दी थी। सोशल मीडिया साइट ने ट्रम्प के एक वीडियो को विवादित बताया था। फेसबुक के वाइस प्रेसिडेंट (इंटेग्रिटी) गुए रोजेन ने कहा कि यह इमरजेंसी है, ट्रम्प के वीडियो से हिंसा और भड़क सकती है।
ट्रम्प ने कहा था- चुनाव में धोखा हुआ
कैपिटल हिल में हिंसा के बाद ट्रम्प ने ट्विटर पर 1 मिनट का वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें वे अपने समर्थकों से कह रहे थे- मैं जानता हूं आप दुखी हैं। हमसे चुनाव छीन लिया गया। इस बार चुनाव में धोखा हुआ, लेकिन हम उन लोगों के हाथों में नहीं खेल सकते। हमें शांति रखनी है, आप घरों को लौट जाइए।