कोरोना के चलते 10 महीने से बंद राजस्थान के 30 हजार से ज्यादा स्कूल सोमवार (18 जनवरी) को खुल गए। बच्चों के कदम पड़ते ही वीरान पड़े स्कूलों में रौनक लौट आई। बच्चे स्कूल जरूर पहुंचे, लेकिन सतर्कता के साथ। वहीं टीचर्स ने भी दिल से उनका स्वागत किया, लेकिन एहतियात के साथ। एक-दूसरे को देखकर बच्चे बोले- तेरी तो शक्ल ही बदल गई है।
फिलहाल, राज्य सरकार ने सिर्फ 9वीं से 12वीं तक के छात्रों के लिए स्कूल खोलने की अनुमति दी है। हालांकि, शिक्षा विभाग का कहना है कि अगर सबकुछ ठीक रहा तो फरवरी से कक्षा 6 से 8वीं तक के बच्चों को भी स्कूल जाने की अनुमति दे दी जाएगी। इधर, सोमवार को स्कूल का नजारा बदला-बदला नजर आया। एंट्री गेट पर हाथ मिलाने और गले लगाने वाले स्टूडेंट्स दूर से ही एक-दूसरे को हैलो- हाय कहते नजर आए। टीचर्स भी लगातार बच्चों को एक-दूसरे से दूर रहने की सलाह देते रहे।
पैरेंट्स एक राय नहीं, इसलिए कक्षाएं ऑफलाइन के साथ ऑनलाइन भी
जयपुर समेत राज्य के बड़े स्कूलों में ऑफलाइन के साथ ही ऑनलाइन क्लासेज की व्यवस्था की गई है। यानी, अगर पैरेंट्स बच्चों को स्कूल भेजना नहीं चाहे तो वह घर में रहकर तैयारी कर सकते हैं। दूसरी तरफ पैरेंट्स भी बच्चों को स्कूल भेजने में कोई हड़बड़ी नहीं करना चाहते हैं। यही कारण रहा कि पहले दिन स्कूलों में 10-15% बच्चे ही पहुंचे। ब्रिटेन में आए कोरोना के नए स्ट्रेन के बाद अभी भी काफी पैरेंट्स एक राय नहीं है। कई पैरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल खुद छोड़ने के लिए आए। पहले की तरह ऑटोरिक्शा और बाल वाहिनी गाड़ियों से बहुत कम बच्चे ही स्कूल पहुंचे। स्कूल संचालकों के मुताबिक काफी पैरेंट्स अभी भी कुछ तय कर पाने की स्थिति में नहीं हैं।
पहले एक दिन की छुट्टी में खुशी मिलती थी, जिसे मिस कर रहे थे
जयपुर में पहले दिन स्कूल पहुंची छाया ने बताया कि स्कूल खुलने पर बहुत अच्छा फील हो रहा है। हम देख रहे थे कि हमारे आसपास की सभी चीजें खुल गई हैं, इसलिए स्कूल भी खुलना चाहिए था। सभी के बीच 6 फीट की दूरी है। पहली बार ऐसा हो रहा है कि स्कूल खुलने की खुशी हो रही है। पहले एक दिन की छुट्टी में ही बहुत खुशी मिलती थी, जिसे हम मिस कर रहे थे। इसलिए अब हमें स्कूल जाना है।
कुछ कोचिंग संस्थाओं में अभी भी वैसी व्यवस्थाएं नहीं
कुछ कोचिंग संस्थाओं में अभी भी सोशल डिस्टेंसिंग समेत वैसी व्यवस्थाएं नहीं हो पाई हैं। अलवर के एक कोचिंग संस्था में बच्चे एकदम सटे हुए बैठे दिखाई दिए। यहां छोटे से क्लासरूम में ही 100 प्रतिशत उपस्थिति की व्यवस्था संस्था ने कर दी। झुंझुनूं के एक स्कूल में बच्चे जैसे ही पहुंचे तो उन्होंने प्रणाम करके स्कूल में एंट्री की।।
स्कूलों में इन प्रोटोकॉल का रखा गया ध्यान
- कोरोना गाइडलाइन के तहत सबसे पहले प्रोटोकाल NO MASK NO ENTRY के पालन का है। यानी स्कूल में आने वाले सभी स्टूडेंट्स को मास्क पहनकर ही प्रवेश करना होगा।
- स्कूलों की एंट्री गेट और क्लास में प्रवेश करने से पहले सभी स्टूडेंट्स की थर्मल स्क्रीनिंग होगी। उनके शरीर का तापमान चेक किया जाएगा।
- स्कूल पहुंचने वाले स्टूडेंट्स को पैरेंट्स का लिखित हस्ताक्षर युक्त सहमति पत्र लाना होगा। स्कूल के गेट पर ही इसे चेक किया जाएगा। इसके बाद ही क्लास तक जाने दिया जाएगा।
- स्कूल परिसर में प्रवेश करने पर 6 फीट की दूरी रखकर ही लाइन में खड़ा होना होगा। इसके लिए कई स्कूलों में एंट्री गेट से क्लास तक सर्किल बनाए गए हैं।
- स्कूलों में प्रवेश करने पर छात्र छात्राओं को हाथ सैनिटाइज करवाया जाएगा।
ज्यादातर स्कूल दो पारियों में चलेंगे, एक क्लास में बैठेंगे 15 से 20 बच्चे
जयपुर की विद्याश्रम स्कूल की प्रिंसिपल प्रतिमा शर्मा ने बताया कि दो पारियों में स्कूल चलेगा। इनमें 9वीं और 11वीं के छात्रों का वक्त सुबह 10 बजे से दोपहर 1.30 बजे तक रहेगा। जबकि 10वीं और 12वीं के स्टूडेंट्स का स्कूल टाइम सुबह 9:30 बजे से दोपहर 12:45 तक रहेगा। इनमें सिर्फ मुख्य विषयों की पढ़ाई होगी। एक क्लास में 15 से 20 बच्चे बैठेंगे। स्पोर्ट्स, म्यूजिक व अन्य ऐच्छिक क्लास नहीं लगेंगी। वहीं, कैंब्रिज कोर्ट हाई स्कूल सुबह 9 से सुबह 11:30 बजे तक खुलेगा।