चीन (China) की ओर से बयान जारी कर कहा गया है कि पिछले कुछ वक्त से अमेरिका (United States of America) के अधिकारी चीन विरोधी बन गए हैं और अपने राजनीतिक हितों के साथ पूर्वाग्रहों के चलते चीन के खिलाफ नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं.
चीन (China) ने सख्त कदम उठाते हुए बुधवार को पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की सरकार में रहे 28 अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा दिया है क्योंकि चीन के अनुसार उन्होंने कई बेकार नीतियां बनाईं हैं जिससे चीन की संप्रभुता पर खतरा था. इन अधिकारियों में ट्रंप के बेहद करीबी और ट्रंप सरकार में विदेश मंत्री रहे माइक पोम्पियो (Mike Pompeo) भी शामिल हैं. माइक पोम्पियो हमेशा से चीन के विरोधी रहे हैं. ट्रंप सरकार के आखिरी दिन माइक पोम्पियो ने कहा था कि चीन ने वीगर मुसलमानों का दमन किया है.
चीन ने ये कदम जो बाइडन (Joe Biden) द्वारा अमेरिका के नए राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभालने के बाद ही उठाया है. जो बाइडन ने कल ही अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति (46th President of America) के रूप में पदभार संभाला है. बताया जा रहा है कि बाइडन सरकार का रुख भी चीन की तरफ कठोर ही रहने वाला है मगर वो विश्व सहयोग में विश्वास करते हैं. इसलिए उनकी सोच पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप से बिल्कुल अलग है जिन्होंने अमेरिका फर्स्ट का नारा दिया था.
चीन की ओर से बयान जारी कर कहा गया है कि पिछले कुछ वक्त से अमेरिका के अधिकारी चीन विरोधी बन गए हैं और अपने राजनीतिक हितों के साथ पूर्वाग्रहों के चलते चीन के खिलाफ नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं. चीन के बयान में अमेरिकी राजनेताओं का जिक्र करते हुए कहा गया है कि इन राजनेताओं के बयान ऐसे हैं जो चीन और अमेरिका के लोगों के हित में नहीं हैं. इनके बयानों और नीतियों से चीन की संप्रभुता को भी खतरा है. इनके ऐसे रवैये के कारण चीन और अमेरिका के रिश्ते खराब हो रहे हैं.
प्रतिबंधित किए गए लोगों में माइकल आर. पोम्पियो, पीटर के. नेवेरो, रॉबर्ट सी. ओब्रायन, डेविड आर. स्टिलवेल, मैथ्यू पॉटिंगर, एलेक्स एम. अज़र, कीथ जे. क्रेच के अलावा जॉन बॉल्टन और स्टीफन बेनन भी शामिल हैं. गौरतलब है कि जाते-जाते ट्रंप ने पूर्व सलाहकार स्टीफन बेनन को क्षमादान दिया था. उन पर आर्थिक गबन का आरोप था.