जोधपुर से उड़ान भर सीमा की तरफ बढ़ते राफेल, सुखोई व मिराज फाइटर्स की गूंज पाकिस्तान तक महसूस की जा रही है। यहां चल रहे युद्धाभ्यास डेजर्ट नाइट में भारत व फ्रांस के लड़ाकू विमान पाक सीमा तक उड़ान भर वापस लौट रहे हैं। ऐसे में पाकिस्तानी सामरिक विशेषज्ञ बहुत करीब से इस युद्धाभ्यास पर नजर रखे हुए हैं।
सीमा के निकट होने वाले किसी भी युद्धाभ्यास के बारे में दोनों देश एक-दूसरे को पहले से सूचना देते रहे हैं। ऐसे में पाकिस्तान को पहले से मालूम है कि यहां युद्धाभ्यास चल रहा है। इसके बावजूद उसने अपनी एयरफोर्स को पूरी तरह से अलर्ट मोड पर रखा हुआ है।
चंद मिनट की दूरी पर पाकिस्तान
जोधपुर से पाकिस्तान सीमा की दूरी 325 से लेकर 425 किलोमीटर है। ध्वनि की रफ्तार से भी तेज उड़ान भरने वाले राफेल, सुखोई व मिराज को वहां तक पहुंचने में चंद मिनट लगते हैं। मसलन राफेल की रफ्तार 2223 किलोमीटर प्रति घंटा है तो सुखोई की रफ्तार 2120 किलोमीटर प्रति घंटा। जबकि पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान सफल हमला बोलने वाले मिराज की रफ्तार 2336 किलोमीटर प्रति घंटा है। इस रफ्तार में चंद मिनट में ये फाइटर्स पाक सीमा के निकट पहुंच जाते हैं।
पाकिस्तान की है पूरी निगाह
भारतीय सीमा में चल रहे इस युद्धाभ्यास पर पाकिस्तान अपने रडार के माध्यम से पूरी तरह से नजर बनाए हुए हैं। रडार के माध्यम से पाकिस्तान यहां उड़ने वाले विमानों की गतिविधियों को देख रहा है। पूरी नजर रखने के लिए वह अपने सीमा क्षेत्र में भी विमान उड़ा उनके रडार से इन पर नजर रख रहा है। साथ ही पश्चिमी राजस्थान में सक्रिय अपने स्लीपिंग सेल के जरिए भी सूचना जुटा रहा है।
सीमा के निकट पहुंचते ही आता है अलर्ट
जमीन पर सीमा क्षेत्र में पहुंचते ही वहां लगे पिलर्स को देख आसानी से पता चल जाता है कि अब पाकिस्तान की सीमा आ चुकी है, लेकिन आसमान में ऐसा कोई बैरियर नहीं होता। इसके बावजूद पायलट्स सीमा पार नहीं करते। सीमा क्षेत्र के निकट पहुंचने से थोड़ा पहले कंट्रोल रूम की तरफ से पायलट्स को संदेश भेज अलर्ट किया जाता है कि वे सीमा क्षेत्र के निकट पहुंच रहे हैं। ऐसे में अपने विमान को वापस मोड़ ले। साथ ही पायलट्स को अपने विमान में लगे उपकरणों से उसकी हवा में स्थिति की पता चलता रहता है। इस कारण वे गलती से भी सीमा पार नहीं कर सकते हैं।