अलवर जिले में राजस्थान और हरियाणा राज्य के शाहजहांपुर बॉर्डर (Shahjahanpur border) से किसानों को हटाने के लिये आसपास के 84 गांवों की महापंचायत (Mahapanchayat) चल रही है.
किसान आंदोलन (Kisaan Andolan) को लेकर राजस्थान और हरियाणा के किसानों की ओर से जयपुर-दिल्ली हाईवे पर अलवर जिले के शाहजहांपुर बॉर्डर पर डाले गये पड़ाव को खाली कराने को लेकर आज फिर महापंचायत (Mahapanchayat) शुरू हो गई है. इस महापंचायत में आज राजस्थान और हरियाणा के बॉर्डर पर स्थित 84 गावों के लोग शामिल हो रहे हैं.
ग्रामीणों की महापंचायत को देखते हुए बॉर्डर से धरना दे रहे किसानों को पुलिस ने करीब 100 मीटर राजस्थान की सीमा की तरफ धकेल दिया है. उसके बाद अब पुलिस बॉर्डर के फ्रंट पर खड़ी हो गई. ग्रामीणों के विरोध के चलते पुलिस ने खुद मोर्चा
संभाल लिया है. यहां स्थानीय ग्रामीणों और किसान में टकराव की आशंका बढ़ गई है.
हरियाणा की तरफ ग्रामीणों की महापंचायत चल रही है
बॉर्डर पर हरियाणा की तरफ ग्रामीणों की महापंचायत चल रही है. इन गांवों के ग्रामीणों ने दो दिन पहले शु्क्रवार को महापंचायत कर राजस्थान और हरियाणा प्रशासन को रविवार तक का समय दिया था. उस महापंचायत में ग्रामीणों ने तय किया था कि राजस्थान और हरियाणा प्रशासन हाईवे पर बैठे किसानों का धरना समाप्त करवा कर हाईवे खाली करवा दें. अन्यथा रविवार को वे बॉर्डर पर बैठे किसानों हटायेंगे. किसानों के नहीं हटने के कारण अब बॉर्डर पर बैठै किसान और 84 गांवों के ग्रामीण आमने सामने हो गये हैं.
दोनों तरफ भारी पुलिस बल मौजूद
हरियाणा के स्थानीय लोगो ने भी बॉर्डर पर मंच लगाकर विरोध जताना शुरू कर दिया है. इसको लेकर हरियाणा और राजस्थान का पुलिस प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड पर आ गया है. बॉर्डर के दोनों तरफ भारी पुलिस बल मौजूद है. हरियाणा के लोगों ने कहा कि जिस तरह से दिल्ली में 26 जनवरी को तिरंगे का अपमान किया है वो किसान नहीं हैं. वो लोग देशद्रोही हैं. स्थानीय लोगों का आरोप है कि बॉर्डर पर भी जो लोग धरना दे रहे है वो किसान नहीं नेता हैं. वे यहां धरना देकर अपनी राजनीति चमका रहे हैं.