शून्यकाल के दौरान उच्च सदन में यह मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस के दिग्विजय सिंह ने यह आरोप भी लगाया कि ‘‘स्वतंत्र पत्रकारिता और बोलने की आजादी’’ को दबाने के लिए सरकार द्वारा देशद्रोह के मामले दर्ज किए गए हैं.
कांग्रेस (Congress) ने अपने सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) और छह पत्रकारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने का मुद्दा बुधवार को राज्यसभा में उठाया और उनके खिलाफ देशद्रोह के मामले वापस लेने की मांग की. शून्यकाल के दौरान उच्च सदन में यह मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस के दिग्विजय सिंह ने यह आरोप भी लगाया कि ‘‘स्वतंत्र पत्रकारिता और बोलने की आजादी’’ को दबाने के लिए सरकार द्वारा देशद्रोह के मामले दर्ज किए गए हैं.
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में राजनेताओं, पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के खिलाफ आपराधिक धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए हैं. ज्ञात हो कि थरूर और कुछ पत्रकारों के खिलाफ 26 जनवरी को राजधानी दिल्ली में किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा और एक प्रदर्शनकारी की मौत के सिलसिले में उनके ‘‘भ्रमित’’ करने वाले ट्वीट के चलते पांच राज्यों में प्राथमिकी दर्ज की गई है.
इन लोगों के खिलाफ दर्ज किया गया देशद्रोह का मुकदमा
सिंह ने कहा, ‘‘एक व्यक्ति की शिकायत पर सांसद शशि थरूर, पत्रकार राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडे, मंदीप पूनिया और अन्य पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया है.’’ उन्होंने कहा कि देशद्रोह ब्रिटिश जमाने का कानून है और इसका इस्तेमाल उस दौर में महात्मा गांधी, भगत सिंह, अशफाक-उल्ला खान सहित अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के खिलाफ किया जाता था.’’
सिंह ने की मुकदमे की निंदा
सिंह ने कहा, ‘‘एक जैसी शिकायतों और मिलती-जुलती विषय वस्तु के आधार पर तीन राज्यों में प्राथमिकी दर्ज की गई है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह स्वतंत्र पत्रकारिता और स्वतंत्र आवाज को दबाने का एक सुनियोजित षड़यंत्र है. हम इसकी निंदा करते हैं.’’ स्वतंत्र पत्रकारिता को लोकतंत्र की पहली आवश्यकता बताते हुए सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से देशद्रोह के मामले वापस लेने का आग्रह किया.