राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के नजफगढ़ इलाके में रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remdesiveer Injection) की कालाबाजारी करने और इसे ऊंची कीमत पर बेचने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. एक निजी अस्पताल में कार्यरत 25 वर्षीय नर्स समेत दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी. पुलिस ने बताया कि दूसरे आरोपी की पहचान नवीन (31) के रूप में की गयी है. पुलिस को इस बारे में बुधवार को जानकारी मिली थी कि नजफगढ़ में एक व्यक्ति रेमडेसिविर इंजेक्शन को ऊंचे दामों पर बेच रहा है. पुलिस ने बताया कि आरोपियों के कब्जे से छह इंजेक्शन जब्त किए गए. आरोपी 35,000 रुपये में एक इंजेक्शन बेचने का प्रयास कर रहे थे.
कोरोना वायरस के चलते फैले संक्रमण से देश के साथ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का भी बुरा हाल है. एक तरफ जहां अस्पतालों में मरीजों के लिए ऑक्सीजन की कमी है, वहीं जरूरी दवाओं की कालाबाजारी भी धड़ल्ले से की जा रही है. दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने बड़ी संख्या में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने के आरोप में बृहस्पतिवार को उत्तराखंड के कोटद्वार से 5 लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने बताया कि आरोपी के पास से रेमडेसिविर के 196 नकली इंजेक्शन जब्त किए गए हैं. आरोपी पहले ही दो हजार नकली इंजेक्शन बेच चुके हैं. दिल्ली पुलिस के आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने ट्विटर पर इस बाबत सूचना साझा की. उन्होंने बताया कि आरोपी इस नकली इंजेक्शन को 25000 रुपये में बेचते थे.
3 आरोपी हुए थे गिरफ्तार
इससे पहले दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रान्च ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया था. बताया जाता है कि यह इंजेक्शन कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित लोगों के इलाज में मददगार है और इसकी काफी मांग है. इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया था कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान उत्तर प्रदेश के हापुड़ निवासी आलोक त्यागी, गाजियाबाद निवासी अभिषेक और नोएडा निवासी सोमेल गुप्ता के रूप में हुई है.