राजधानी में इंदिरा गांधी अस्पताल नहीं शुरू होने पर दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से नाराजगी जताई है. कोर्ट ने कहा कि एक तरफ आधे तैयार अस्पताल खड़े हुए हैं, लेकिन उनको पूरा नहीं किया जा रहा. वहीं दूसरी तरफ टेंपरेरी अस्पताल बेड तैयार किए जा रहे हैं. हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा कि जो इमारत तैयार हैं, उन अस्पतालों को क्यों नहीं शुरू किया जा रहा है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा क्या इंदिरा गांधी अस्पताल मार्च 2020 में ही तैयार हो जाना चाहिए था, लेकिन आज तक तैयार नहीं हुआ. हाईकोर्ट ने दिल्ली में अस्पतालों में बेड के अभाव में कोरोना मरीजों की मौत के लिए सरकार को दोषी ठहराया. अदालत ने कहा कि मरीज अस्पताल में बेड की तलाश में भटकते रहे और कई लोगों की मौत हो गई. इस सबकी वजह राज्य सरकार की शिथिलता भी है. हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से हलफनामा दाखिल कर बताने को कहा कि इंदिरा गांधी अस्पताल कब तक बन कर तैयार होगा, पहले इसके बन कर तैयार होने की डेडलाइन क्या थी.
इससे पहले आज एक अन्य मामले की सुनवाई के दौरान भी दिल्ली की एक अदालत ने सरकार और दिल्ली पुलिस की कड़ी फटकार लगाई. दिल्ली में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की कालाबाजारी के मामले में सुनवाई के दौरान साकेत कोर्ट ने दिल्ली सरकार और पुलिस को फटकार लगाई. अदालत ने आरोपी व्यवसायी नवनीत कालरा और उसके सहयोगियों की याचिका पर सुनवाई के दौरान पूछा कि क्या महामारी के दौरान बिजनेस करना अपराध है.
कोर्ट ने कहा कि सरकार ने गवाह के बयान के मामले में गलत टिप्पणी की है. आपको बता दें कि बीते दिनों दिल्ली पुलिस ने राजधानी के 3 रेस्टोरेंट में छापा मारकर बड़ी संख्या में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और अन्य मेडिकल उपकरण बरामद किए थे. इस मामले में खान चाचा रेस्टोरेंट के मालिक नवनीत कालरा समेत अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया है.