कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में बैंक और कॉरपोरेट भी प्रशासन की मदद के लिए आगे आ रहे हैं. ये संस्थान कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीआरएस) के तहत कोरोना मरीजों के इलाज में आने वाले उपकरण, वेंटीलेटर समेत अन्य जरूरी चीजों की मदद कर रहे हैं. जिससे अधिक से अधिक लोगों की जान बचाई जा सके. प्रशासन का कहना है कि इस महामारी में सबको मिलकर लड़ाई लड़ना है और जीतना है.
बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ बड़ौदा की ओर से कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीआरएस) के तहत मरीजों की देखभाल का जिम्मा उठाया गया है. इसी के तहत जिले की प्रभारी डीएम अस्मिता लाल ऑक्सीजन कंसंट्रेटर सौंपे गए. इस पूर्व भी कई कॉरपोरेट सीआरएस के जरिए मरीजों की मदद कर चुके हैं. इस मौके पर डीएम ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई केवल शासन या प्रशासन की नहीं है, इस लड़ाई में सभी को शामिल होना होगा. प्रबंधक शिव प्रसाद यादव ने कहा कि सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए बैंकों ने ऑक्सीजन कंसंट्रेटर दिए हैं. इस अवसर पर बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य प्रबंधक और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर लिखीराम उपस्थित रहे.
वहीं, दूसरी ओर लैंक्सेस इंडिया ने सीएसआर से कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में मदद की घोषणा की है. स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 2 करोड़ रुपए से अधिक डोनेट करेगी. लैंक्सेस इंडिया के वाइस चेयरमैन नीलांजन बनर्जी ने कहा कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने देश के चिकित्सा ढांचे को प्रभावित किया है और इससे महत्वपूर्ण चिकित्सा उपकरणों की भारी कमी हो गई है. चिकित्सा संस्थानों को स्थिति से बेहतर तरीके से निपटने में मदद करने के लिए लैंक्सेस इंडिया ने अस्पतालों के लिए लगभग 1.9 करोड़ रुपये के जर्मन वेंटिलेटर डोनेट किए हैं. इसके अलावा देश में बढ़ती ऑक्सीजन की जरूरत को पूरा करने के लिए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भी दिए जा रहे हैं.