ग्रामीण क्षेत्रों में फैले अंधविश्वास के चलते भीलवाड़ा के लोहारिया गांव में एक और नन्ही मासूम बच्ची की जान पर बन आई। जहां 5 माह की मासूम बच्ची की बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए उसके ही मां-बाप ने उसे गर्म लोहे के सरियों से दाग दिया। लोहे के सरियों से दागने के बाद उस मासूम की सांसें उखड़ने लगी। जिसके चलते गुरुवार को उसे भीलवाड़ा के महात्मा गांधी अस्पताल में लाया गया। जहां उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है। मासूम बच्ची को लगा हुआ देख डॉक्टर भी उसके परिजनों पर भड़क उठे। डॉक्टरों ने अभी उस मासूम की स्थिति काफी नाजुक बताई है।
बताया जा रहा है कि मांडल क्षेत्र के लूहारिया गांव में रमेश बागरिया व उसकी पत्नी लहरी एक कच्चे मकान में रहते हैं। यह दोनों ही झाड़ू बनाने का काम करते हैं। इनके 5 माह की बेटी लीला है। लीला की तबीयत पिछले 1 माह से खराब थी। जिसके चलते बच्ची को बुखार आता रहता था। पेट में भी दर्द रहता था। इसके चलते रमेश व लहरी ने गर्म सरिए के 2 डाम लीला के पेट पर लगा दिए। इस डाम को लगाने के बाद मासूम लीला की तबियत और ज्यादा खराब हो गई। लीला को फिलहाल भीलवाड़ा के महात्मा गांधी अस्पताल के मातृ शिशु स्वास्थ्य भवन में वेंटिलेटर पर रखा हुआ है। इधर, डाम लगी इस मासूम की उखड़ती सांसों को देख हर किसी का दिल पसीज रहा है।
मां ने ही अपने हाथों से लगाया था डाम
मासूम लीला के गर्म शरीर पर डाम उसकी मां लहरी ने ही लगाया था। गर्म सरिए को दो बार गर्म किया गया और उसके बाद मासूम लीला के पेट पर उसे चिपका दिया गया। जिससे लीला के पेट की चमड़ी जल गई। लीला की मां ने बताया कि इस तरह का उपचार उनके परिवार में पुरखों के समय से चलता आ रहा है।
परिवार में सभी के लगे हुए है डाम
लीला की ही नाजुक स्थिति को देखते हुए उसका परिवार अब उसकी चिंता तो कर रहा है। वहीं, डाम को लेकर अभी भी उसका परिवार पूरी तरह से आश्वस्त नजर आ रहा है। अस्पताल में मासूम लीला के पास उसका मामा सुखदेव भी मौजूद था। सुखदेव ने भी निक भास्कर डिजिटल को बताया कि उसके परिवार में पेट पर डाम लगाने के नुक्से लंबे समय से चले आ रहे हैं। सुखदेव ने अपना पेट भी दिखाया जहां उसको शरीर से डाम लगा रखा था।
ग्रामीण क्षेत्र व अशिक्षित वर्ग में सबसे ज्यादा घर कर रखा है अंधविश्वास ने
अंधविश्वास में डाम लगाने की परंपरा नR नहीं है। राजस्थान के सभी ग्रामीण क्षेत्रों में बीमार बच्चों के शरीर को गर्म सरिए से दागने के कई मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। इन डाम को लगाने से कई बार लोगों की जान भी जा चुकी है। जिनमें ज्यादातर मासूम बच्चे शामिल है।
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