व्यापार

त्योहारों में है पैसों की जरूरत लेकिन खाते में है जीरो बैलेंस, तब भी निकाल सकते हैं बैंक से पैसे..

त्योहारों का सीजन (Festival season) चल रहा और इस दौरान लोगों को पैसे की जरूरत पड़ती है. खासकर नौकरी-पेशा लोग को जिनकी मासिक सैलरी पहले ही खत्म हो जाती है ऐसे में एक महीने में अगर ज्यादा त्योहार आ जाएं तो उनको सेलिब्रेट करने में परेशानी होनी लगती हैं. ऐसे में, लोग अपने जान-पहचान से उधार लेते हैं, लेकिन नौकरी-पेशा लोग चाहें तो उन्हें ऐसा करने की जरूरत नहीं पड़ सकती है. वे अपने बैंक से सैलरी ओवरड्राफ्ट (Overdraft facility) से भी पैसों की जरूरत को पूरा कर सकते हैं.

ऐसे में अगर आपको भी कभी पैसों की जरूरत (salary overdraft) पड़ती है तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है और न हीं आपको किसी से उधार लेना होगा और न लोन के लिए अप्लाई करने की जरूरत पड़ेगी. अगर आप सैलेरीड कर्मचारी हैं तो सैलेरी ओवरड्राफ्ट का फायदा उठा सकते हैं. आइए जानते हैं कैसे…

क्या है सैलरी ओवरड्राफ्ट? (What is Salary Overdraft?)
हर महीने आपके बैंक अकाउंट में सैलरी आती है तो आप बैंक खाते से चेक कर सकते हैं कि आप ओवरड्राफ्ट के योग्य हैं या नहीं. अगर आप बैंक नियमों के मुताबिक ओवरड्राफ्ट लेने के लायक होंगो तो आपको कोई मुश्किल नहीं होगी.सैलेरी ओवरड्राफ्ट एक तरह का क्रेडिटा होता है जो आपको अपने सैलेरी खाते पर मिलता है. जब भी आपको पैसे की जरूरत हो तो आप सैलेरी अकाउंट से जीरो बैलेंस पर भी पैसे निकाल सकते हैं.

ओवरड्राफ्ट एक तरह से Instant Loan होता है. इस पर आपको ब्याज भी देना होता है. प्रोसेसिंग फीस भी देनी होती है. जैसे ICICI बैंक इंस्टा फ्लेक्सी कैश की सुविधा देता है और इसे ग्राहक ऑनलाइन एक्टिवेट करा सकते हैं. इस सुविधा के तह ग्राहक अपनी सैलेरी का तीन गुना ओवरड्राफ्ट ले सकते हैं. कस्टमर 48 घंटे में ओवरड्राफ्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं.

किसे मिलेगी ओवरड्राफ्ट की सुविधा?
ओवरड्राफ्ट की यह सुविधा सभी बैंक कस्टमर्स को नहीं मिलती है. बैंक कस्टमर और कंपनी की क्रेडिट प्रोफाइन को देखकर ही ओवरड्राफ्ट की सुविधा देता है.अगर आपको ओवरड्राफ्ट की सुविधा चाहिए तो आपको कस्टमर केयर पर बात करनी होगी.

जानिए इसके फायदे
सैलरी ओवरड्राफ्ट की सुविधा तब काफी काम आती है जब अचानक ही कोई खर्च आ जाए या कोई ईएमआई या एसआईपी जानी हो. अगर कोई चेक लगा है लेकिन अकाउंट में पैसे कम हैं तो चेक बाउंस (cheque bounce) हो सकता है तब ये ओवरड्राफ्ट की सुविधा मदद करती है.

जानें कितना देना होता है ब्याज?
इसमें हर महीने 1 से 3 फीसदी का ब्याज देना होता है .यानी सालाना 12 से 30 फीसदी का ब्याज देना होता है. क्रेडिट कार्ड की तरह इस पर भी ज्यादा ब्याज लगता है.

जनसम्पर्क विभाग – आरएसएस फीड

PRATYUSHAASHAKINAYIKIRAN.COM
Editor : Maya Puranik
Permanent Address : Yadu kirana store ke pass Parshuram nagar professor colony raipur cg
Email : puranikrajesh2008@gmail.com
Mobile : -91-9893051148
Website : pratyushaashakinayikiran.com