कार तकनीक दिन प्रति दिन अपग्रेड हो रही है. इसी में से एक तकनीक है क्रूज कंट्रोल (Cruise control). इन दिनों अधिकतर हाई एंड गाड़ियां इस फीचर से लैस हैं. इस फीचर के कारण गाड़ियों को लॉन्ग ड्राइव पर ले जाने में काफी सहूलियत होती है. इससे गाड़ियों को एक निश्चित स्पीड पर बिना एक्सलेटर को दबाए चलाया जा सकता है. इसमें आपकी कार का एक्सलेटर एक निश्चित स्पीड पर लॉक हो जाता है. इस फीचर को डिजाइन ही इसी उद्देश्य से किया गया है.
क्या होता है क्रूज कंट्रोल (What is cruise control)
क्रूज कंट्रोल शब्द सुनकर ऐसा लगता है कि यह कार नहीं बल्कि किसी विमान का फीचर है. लेकिन, ऐसा नहीं है. क्रूज कंट्रोल कार का फीचर है और इससे आपकी ड्राइविंग काफी आसान हो जाती है. यह फीचर आपको लॉन्ग ड्राइव पर जाते समय एक्सलेटर को दबाए रखने की परेशानी से मुक्ति देता है. इससे आपका लॉन्ग ड्राइव काफी आसान हो जाता है.
काफी पुराना ने यह सिस्टम
क्रूज कंट्रोल का सिस्टम काफी पुराना है. कई रिपोर्ट्स के मुताबिक इस तकनीक का इजाद ऑटोमोबाइल के अविष्कार से पहले ही हो गया था. वेबसाइट साइंसएबीसी डॉट कॉम के मुताबिक आविष्कारक और मेकैनिकल इंजीनियर जेम्स वाट ने 17वीं शताब्दी के शुरू में इसका आविष्कार किया था. इसका इस्तेमाल सबसे पहले भाप से चलने वाले इंजनों में किया गया. इससे स्टीम इंजन एक निश्चित स्पीड में लगातार चलती रही. लेकिन आज हम जिस क्रूज कंट्रोल का इस्तेमाल करते हैं उसका इजात 1940 के दशक में किया गया.
कैसे काम करता है क्रूज कंट्रोल (How does cruise control work)
दरअसल, क्रूज कंट्रोल एक कार की स्पीड को उसी तरह कंट्रोल करता है जिस तरह हम करते हैं. हम एक्सलेटर की पोजिशन को एडजस्ट कर ऐसा करते हैं. हम जब गाड़ी चलाते हैं तो कार की स्पीड बढ़ाने या घटाने के लिए पैर से एक्सलेटर पैडल को दबाते या छोड़ते हैं. लेकिन क्रूज कंट्रोल में एक केबल के जरिए थ्रोटल वाल्व (Throttle valve) को कंट्रोल किया जाता है. यही काम हम पैडल को भी दबाकर करते हैं. Throttle valve किसी कार में हवा की सप्लाई को कंट्रोल कर इंजन की पावर और उसकी स्पीड को नियंत्रित करता है. यही तय करता है कि एक ईंजन को कब कितनी हवा की जरूरत है.
ऐसे स्पीड को करें कंट्रोल
क्रूज कंट्रोल स्विच के जरिए कार का ड्राइवर स्पीड को कंट्रोल कर सकता है. आमतौर पर किसी उच्च तकनीक वाली कार में इसके लिए ऑन/ऑफ/रिज्यू/सेट/एक्सेल और कोस्ट विकल्प रहता है. यह स्विच आमतौर पर स्टीयरिंग व्हील में होता है. नॉब को एक तरफ दबाने से कार की स्पीड बढ़ती है जबकि दूसरी तरफ दबाने पर कार की स्पीड घटती है. सुरक्षा कारणों से जैसे ही आप एक्सलेटर पैडल पर पैर रखते हैं तो क्रूज कंट्रोल का स्विच काम करना बंद कर देता है. यानी आप एक समय में क्रूज कंट्रोल स्विच या फिर एक्सलेटर पैडल में से किसी एक का इस्तेमाल कर सकते हैं.
क्या है एडॉप्टिव क्रूज कंट्रोल (What is adaptive cruise control)?
क्रूज कंट्रोल की तकनीक अब काफी पुरानी हो चुकी है. ऐसे में इन दिनों अधिकतर महंगी कारों में एडॉप्टिव क्रूज कंट्रोल यानी ACC फीचर आने लगा है. यह फीचर तेजी से पॉपुलर हो रहा है. यह कारों में ऑटोमेटिक तरीके से स्पीड को मैनेज करने का तरीक है. यह क्रूज कंट्रोल से काफी आगे की चीज है. इसमें अपने आप कार की स्पीड बढ़ती या घटती है.
एडॉप्टिव क्रूज कंट्रोल कैसे करता है काम (How does adaptive cruise control work)
दरअसल, जब आप लॉन्ग ड्राइव पर जा रहे होते हैं तो इस फीचर के जरिए आप अपनी कार की अधिकतम स्पीड सेट कर सकते हैं. इसके बाद आपकी कार उसमें आगे की तरफ लगे रडार सेंसर की जरिए वह ट्रैफिक की स्थिति को देखती है और उसकी के हिसाब से एसीसी के जरिए अपनी स्पीड बढ़ाती या कम करती है. यह खुद इस तरह से स्पीड तय करती है कि वह आगे चलने वाली गाड़ी से कम से कम 2-3 सेकेंड की दूरी पर रहे.