दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत पर रिहा आरोपी फैजान के खिलाफ स्पेशल सेल ने सर्वोच्च अदालत (Supreme Court) में दी अर्जी. पुलिस ने फैज़ान को दिल्ली हिंसा (Delhi Riots) का साजिशकर्ता बताया है.
दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की स्पेशल सेल ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. यह पहला मौका है जब स्पेशल कोर्ट दिल्ली हिंसा (Delhi Violence) मामले में सुप्रीम कोर्ट गई है. हिंसा के आरोपी फैज़ान की जमानत कैंसिल कराने के लिए पुलिस सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) गई है. ध्यान रहे कि दिल्ली हाईकोर्ट ने फैज़ान को जमानत दी है.
फैज़ान को स्पेशल सेल ने यूएपीए (UAPA) के तहत गिरफ्तार किया था. पुलिस ने फैज़ान को जामिया नगर से गिरफ्तार किया था. फैज़ान एक सिम कार्ड (Sim Card) डीलर है. फैज़ान पर यह आरोप है कि उसने दिल्ली हिंसा के दौरान नकली सिम बनाकर बांटे थे. साथ ही सिम जारी करने के लिए नकली पहचान पत्र और फोटो भी बनाए थे
दिल्ली हिंसा के लिए आए थे 1.61 करोड़ रुपए
दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन स्थलों का प्रबंधन करने और साम्प्रदायिक हिंसा की साजिश को अंजाम देने के लिए पांच लोगों को कथित तौर पर 1.61 करोड़ रुपए मिले थे. पुलिस ने आरोपपत्र में कहा है कि कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां, कार्यकर्ता खालिद सैफी, आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन, जामिया मिल्लिया इस्लामिया एलुमनाई एसोसिएशन के अध्यक्ष शिफा उर रहमान और जामिया के छात्र मीरन हैदर को सीएए के खिलाफ प्रदर्शन स्थलों के प्रबंधन और फरवरी में हुए दिल्ली दंगों की साजिश को अंजाम देने के लिए कथित तौर पर 1.61 करोड़ रुपए मिले थे.
प्रदर्शन वाली जगह पर खर्च हुई रकम
पुलिस ने फरवरी में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा के मामले में 15 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है. आरोपपत्र के मुताबिक, ‘जांच के दौरान यह पता चला है कि 1 दिसंबर 2019 से 26 फरवरी 2020 के दौरान आरोपी इशरत जहां, खालिद सैफी, ताहिर हुसैन, शिफा-उर रहमान और मीरन हैदर को बैंक खाते और नकदी के माध्यम से कुल 1,61,33,703 रुपए मिले थे.’ आरोपपत्र में कहा गया है कि कुल 1.61 करोड़ रुपए में से 1,48,01,186 रुपए नकद निकाले गए और प्रदर्शन स्थलों के प्रबंधन में खर्च किए गए.