कोरोना की तीसरी लहर झेल रही दिल्ली में केजरीवाल सरकार मिनी लॉकडाउन लगाने की तैयारी में है। बाजार बंद रखने के लिए केंद्र सरकार से मंजूरी मांगी गई है। वहीं, शादियों में 200 की जगह सिर्फ 50 लोगों के शामिल होने के नियम का प्रस्ताव रखा है। आइए समझते हैं कि दिल्ली में इसकी जरूरत क्यों है? लॉकडाउन किस तरह लागू हो सकता है और इसका असर क्या हो सकता है?
प्रस्ताव की वजह- बाजारों में हर दिन 1 लाख से 3 लाख लोग पहुंच रहे
- दिल्ली में अब तक 4.89 लाख लोगों को कोरोना हो चुका है। 17,713 मौतें हो चुकी हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले हफ्ते दिल्ली के अलग-अलग बाजारों में हर दिन 1 लाख से 3 लाख लोग पहुंच रहे थे। इस वजह से कोरोना के मामलों में इजाफा हुआ।
- बीते एक महीने में दिल्ली में कोरोना के 1.61 लाख नए मामले सामने आए और 1732 मौतें हो गईं। अगर शहरों के हिसाब से देखें तो दिल्ली में इस वक्त कोरोना के सबसे ज्यादा 40,128 एक्टिव केस हैं। ज्यादातर मरीज होम आइसोलेशन में हैं।
- दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के मुताबिक, ‘देश की राजधानी में 28 अक्टूबर से कोरोना की तीसरी लहर शुरू हुई थी, जो अब जा चुकी है।’ हालांकि, केंद्र सरकार का स्वास्थ्य मंत्रालय कह रहा है कि तीसरी लहर के बारे में अभी अंदाज लगाना मुश्किल है।
पाबंदी कहां-कहां लगेगी?
1. जो बाजार कोरोना का हॉटस्पॉट बन सकते हैं, वे बंद हो सकते हैं
सीएम केजरीवाल ने मंगलवार को कहा कि यदि बाजारों में मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा और वह जगह कोरोना हॉट स्पॉट बन सकती है तो ऐसे बाजारों को कुछ दिनों के लिए बंद करने की इजाजत मिलनी चाहिए। केंद्र को ऐसा प्रस्ताव भेजा जा रहा है।
दिल्ली के इन बाजारों में लॉकडाउन लग सकता है
अगर केंद्र सरकार से मंजूरी मिलती है तो दिल्ली सरकार जनपथ, कनॉट प्लेस, करोलबाग, सरोजनी नगर, सदर बाजार, लाजपत नगर, चांदनी चौक, आईएनए, पटपड़गंज, लक्ष्मी नगर जैसे बाजारों पर पाबंदी लगा सकती है।
ट्रेडर्स इस प्रस्ताव के विरोध में
मिनी लॉकडाउन के दिल्ली सरकार के प्रस्ताव का कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAT) ने विरोध किया है। उनका कहना है कि कोरोना के खिलाफ हम एकजुट हैं, लेकिन बाजार बंद करने से होने वाले नतीजों के बारे में सोच लेना चाहिए।
2. शादियों में 200 की जगह 50 लोग ही शामिल हो सकेंगे
जब कोरोना के हालात सामान्य हो गए थे तो शादियों में 50 की बजाय 200 लोगों के शामिल होने की छूट दी गई थी। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए दिल्ली सरकार ने शादियों में शामिल होने वाले लोगों की संख्या 50 तक सीमित रखने का प्रस्ताव उपराज्यपाल को भेजा है।
दिल्ली में 4 हजार शादियां, 5 हजार करोड़ रुपए का मार्केट
इस साल नवंबर-दिसंबर में शादियों के 7 बड़े मुहूर्त हैं। इस दौरान दिल्ली में करीब 4 हजार शादियां होने वाली हैं। कई लोग जो लॉकडाउन के दौरान शादियां नहीं कर पाए थे, उन्होंने नवंबर-दिसंबर में इसकी प्लानिंग कर रखी है। 25 नवंबर को देवउठनी एकादशी के दिन से शादियों का सीजन शुरू होगा। जिन घरों में नवंबर में शादियां हैं, वो मेहमानों को बुलाने की 200 लोगों की लिमिट को देखते हुए इनविटेशन कार्ड छपवाकर बांटना शुरू कर चुके हैं।
वेडिंग प्लानर साइट weddingz.in से मिले आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में शादियों का यह सीजन चार हजार करोड़ से पांच हजार करोड़ रुपए का है। अगर बाजार बंद होते हैं और शादियों में मेहमानों की संख्या कम की जाती है तो इस पर असर पड़ेगा। इसकी वजह यह है कि कपड़ा मार्केट, वेडिंग प्लानर, कैटरिंग, होटल, बैंक्वेट हॉल जैसे कारोबार शादियों के सीजन से जुड़े हैं।
दिल्ली के सभी वेन्यू बुक
नवंबर-दिसंबर के लिए दिल्ली के सभी गेस्ट हाउस, वेडिंग वेन्यू बुक हो चुके हैं। दिल्ली की वेडिंग प्लानर ललिता राघव ने बताया कि सबसे ज्यादा बुकिंग 25 नवंबर के लिए हुई है। इस दिन तुलसी विवाह है। इस दिन शादी करने के लिए लोग ज्यादा पैसे भी खर्च करने को तैयार हैं। 25 नवंबर के बाद लोग 30 नवंबर और फिर 11 और 12 दिसंबर को शादी और रिसेप्शन करना चाहते हैं। इन चार डेट्स पर वेडिंग वेन्यू लगभग पूरे बुक हैं।
छठ पर भी पाबंदी
दिल्ली सरकार ने इस बार घाटों पर छठ मनाने पर रोक लगा दी है। राज्य सरकार ने पिछले शुक्रवार को ही इसके लिए आदेश जारी कर दिया था। इस बार छठ पूजा 18 नवंबर से शुरू हो रही है। छठ पर पाबंदी का भी विरोध हो रहा है।
दिल्ली में लॉकडाउन लगा भी तो ट्रैवल बेअसर
दिल्ली में अगर लॉकडाउन लग भी जाता है तो ट्रैवल पर इसका असर नहीं पड़ेगा। ट्रेनें और फ्लाइट चलती रहेंगी। बड़ी बंदिशें बाजारों पर ही लगेंगी। दिल्ली मेट्रो भी बंद करने का अभी कोई प्रस्ताव नहीं भेजा गया है।