गुरुग्राम (Gurugram) के सेक्टर-30 स्थित गांव सैनीखेड़ा में 1400 रुपये लेकर कोरोना (Corona) की फर्जी रिपोर्ट तैयार वाले दो लोगों को सीएम फ्लाईंग (CM Flying) और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गिरफ्तार किया है. आरोपी एक रिपोर्ट का 1400 से पांच हजार रुपये तक वसूलते थे.
कोरोना महामारी (Corona epidemic) ने जहां हैंड सैनिटाइजर (Hand sanitizer) और मास्क (Mask) बेचने वाले व्यापारियों को फायदा पहुंचाया वहीं कोरोना की फर्जी रिपोर्ट (Fake report) बनवाकर कुछ ठग भी जमकर फायदा उठा रहे थे, लेकिन अब वो पुलिस (Police) के हत्थे चढ़ चुके हैं. गुरुग्राम (Gurugram) के सेक्टर-30 स्थित गांव सैनीखेड़ा में 1400 रुपये लेकर कोरोना की फर्जी रिपोर्ट तैयार करने वाली लैब का मुख्यमंत्री उड़नदस्ते ने भंडाफोड़ किया है. टीम ने दो आरोपियों को मौके से गिरफ्तार किया है.
पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने दिल्ली के एक लैब से सांठसांठ की थी, जिसके नाम पर गुरुग्राम में जिला स्वास्थ्य विभाग की अनुमति के बगैर ये लोगो कोरोना टेस्ट की फर्जी रिपोर्ट तैयारकरके लोगों को देते थे. इसके एवज में एक रिपोर्ट का 1400 रुपये वसूल करते थे. पुलिस के अनुसार दो महीने से सक्रिय आरोपियों ने करीब एक हजार लोगों को रिपोर्ट तैयार करके दी है,
जिसके आधार पर कई संक्रमित लोग भी विदेश गए हैं.मुख्यमंत्री उड़नदस्ते के डीएसपी इंद्रजीत और जिला निरीक्षक हरीश बुद्धिराजा की टीम को गुप्त सूचना मिली थी कि सैनीखेड़ा में मेडिकार्टज पैथलॉजी लैब में जिला स्वास्थ्य विभाग की अनुमति के बगैर कोरोना जांच की जा रही है. लोगों को दिखाने के लिए यह लोग बाकायदा सैंपल लेते थे, लेकिन रिपोर्ट वही बनाकर देते थे, जो सामने वाला आदमी चाहता था.
इसके लिए वह 1400 रुपये से 5000 रुपये तक दाम वसूलते थे. इस राशि को लेकर वह लोगों के मनमुताबिक पॉजिटिव रिपोर्ट को निगेटिव व निगेटिव रिपोर्ट को पॉजिटिव बनाते थे. शिकायत के आधार पर टीम ने शनिवार देर शाम लैब पर छापा मारकर यहां से दो लोगों को गिरफ्तार किया. साथ ही टीम ने दस्तावेजों और उपकरणों को भी बरामद कर लिया है.
कोलकाता के रहने वाले हैं आरोपी
आरोपियों की पहचान कोलकाता निवासी अनीरबन रॉय और मुर्शिदाबाद निवासी परिमल रॉय के रूप में हुई है. दोनों गांव सैनीखेड़ा में किराए के मकान में रहते थे. मुख्यमंत्री उड़नदस्ते की शिकायत पर सेक्टर-40 थाना पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने दिल्ली के कीर्ति नगर स्थित डायनेक्स डायग्नोस्टिक एंड पैथ लैब से साठगांठ की हुई है. यह उसी के लैटरहेड पर रिपोर्ट तैयार करके देते थे.
गुरुग्राम में कार्य करने के लिए उन्होंने जिला स्वास्थ्य विभाग से अनुमति नहीं ली थी. दो महीने से वह यह काम कर रहे थे. अब तक वह करीब एक हजार लोगों की जांच कर चुके हैं. उनकी रिपोर्ट के आधार पर कई लोग विदेश भी जा चुके हैं. विदेश जाने वालों की रिपोर्ट उनके मनमुताबिक तैयार करने के लिए वह 5 हजार रुपये तक वसूलते थे.