27 नवंबर को सिंघू बॉर्ड पर किसान आंदोलन के दौरान पुलिस के साथ आंदोलनकारियों की झड़प हुई थी. दर्ज की गई एफआईआर में अज्ञात लोगों पर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया है.
केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसान अब भी दिल्ली बॉर्डरों पर जमे हुए हैं. इस बीच अलीपुर पुलिस स्टेशन में अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. जिसमें चर्चा की गई है कि 27 नवंबर को सिंघू बॉर्डर पर किसान आंदोलन के दौरान बवाल किया गया था और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाई गई थी. आपको बता दें कि सिंघू बॉर्डर पर 27 नवंबर को प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बैरिकेड तोड़कर दिल्ली में प्रवेश करने की कोशिश थी.
फिलहाल, सिंघू बॉर्डर और टिकरी बॉर्डर पूरी तरह बंद हैं. गाजियाबाद बॉर्डर पर भी भारी संख्या में किसान डेरा-डंडा गाड़े बैठे हैं. सिंघू बॉर्डर पर किसानों की तादाद 2 से 3 हजार है.टिकरी बॉर्डर पर 1500 किसान जमे हुए हैं जबकि दिल्ली-गाजियाबाद बॉर्डर पर इनकी संख्या 1000 के करीब है. किसानों की संख्या घटती-बढ़ती रहती है. बैरिकेडिंग की दूसरी तरफ पुलिस भी पूरी तैयारी के साथ मुस्तैद है.
दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन में शामिल होने वाले किसानों की बढ़ रही संख्या, सुरक्षा बढ़ाई गई
राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं के निकट और अधिक प्रदर्शनकारी पहुंच रहे हैं और आंदोलन तेज होता प्रतीत हो रहा है. इसके मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा बंदोबस्त बढ़ा दिए हैं और हरियाणा तथा उत्तर प्रदेश से राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश के सभी बिंदुओं पर अवरोधक लगाए गए हैं. किसानों ने रविवार को घोषणा की थी कि वे आने वाले दिनों में दिल्ली में प्रवेश के पांच रास्तों को जाम करेंगे. वहीं किसानों ने इन कानूनों पर चर्चा करने के लिये केंद्र सरकार की ओर से रखी गई शर्त को मानने से मना कर दिया है और कहा है कि वे निर्णायक लड़ाई के लिए आए हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि वे उनके ‘मन की बात’ को सुनें.
सिंघु और टीकरी बॉर्डर दोनों जगह शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन जारी है. यहां पंजाब और हरियाणा के किसान लगातार पांचवें दिन जमा हैं. पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश से और किसानों के पहुंचने से गाजीपुर सीमा पर प्रदर्शनकारियों की संख्या बढ़ गई है. सिंघु बॉर्डर पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रदर्शनकारी किसानों के प्रतिनिधियों ने कहा कि जब तक उनकी मांगें मान नहीं ली जाती, तब तक वे प्रदर्शन करेंगे. दिल्ली पुलिस ने कहा कि उसने सुरक्षा कर्मियों की तैनाती बढ़ा दी है और रास्तों में कई स्तर के अवरोधक लगाए हैं. इस बीच किसानों के आंदोलन की वजह से दिल्ली के कई हिस्सों में यातायात प्रभावित हुआ और सड़कों पर जाम लगा रहा.
प्रदर्शनकारी किसानों की दैनिक जरूरतें पूरी कर रही AAP
इस बीच, आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार ने इन प्रदर्शनकारी किसानों के लिए दैनिक जरूरतों की चीजें मुहैया करा दी हैं. बॉर्डर पर एंबुलेंस खड़ी कर दी गई है. पेयजल के टैंकर भेजे गए हैं. किसान अब दिल्ली के बाकी बॉर्डर को बंद करने की तैयारी में हैं. खबर है कि राजस्थान के किसानों को दिल्ली-जयपुर बॉर्डर को बंद करने को कहा गया है जबकि आगरा-मथुरा हाईवे को भी बंद किया जाएगा यानी दिल्ली पूरी तरह से सील करने की कोशिश होगी.
खबर है कि सरकार ने जिस बुराड़ी मैदान को किसानों के लिए आरक्षित किया था वह इन किसानों को ओपन जेल जैसा लगने लगा है और जो किसान वहां पहुंचे थे वे लौट रहे हैं. अब किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी बात नहीं सुनी गई तो दिल्ली को पड़ोसी राज्यों से कनेक्ट करने वाली सभी सड़कों को बंद कर दिया जाएगा.