मजदूर कार्ड बनने के बाद एक मजदूर को तमाम आर्थिक फायदे मिलते हैं. दिल्ली सरकार का कहना है कि पुरुष मजदूर को अपनी या अपने बेटे की शादी लिए 35 हजार जबकि बेटी की शादी के लिए 51 हजार रुपये की मदद राशि सरकार की ओर से दी जाती है. वहीं महिला मजदूर को अपनी शादी के लिए भी 51 हजार रुपये की मदद मिलती है.
कोरोना के बाद हुए मजदूरों के पलायन के बाद न केवल एक बार फिर मजदूर दिल्ली् एनसीआर में लौट आए हैं. वहीं दिल्ली सरकार भी मजदूरों के लिए राहतें कर रही है. मजदूरों के लिए पहले से ही राजधानी में लेबर कार्ड के तहत आर्थिक सुविधा दी हुई है. अब हाल ही में दिल्ली सरकार ने सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने और दौड़-भाग से बचते हुए घर बैठकर मजदूर कार्ड बनवाने की सुविधा दी है.
लेबर कार्ड बनवाने के लिए मजदूरों को बस अपने फोन से 1076 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करना होगा और सरकार की डोरस्टेप सर्विस के माध्यम से उनका मजदूर कार्ड बनने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. इतना ही नहीं एक हफ्ते के भीतर
उनका कार्ड उनके घर पर भी पहुंच जाएगा.
हालांकि मजदूर कार्ड सिर्फ निर्माण श्रमिक ही बनवा सकते हैं. इस श्रेणी में बेलदार, कुली, लेबर या मजदूर, राजमिस्त्री, मिस्त्री, टाइल्स एवं स्टोन फिटर, चूना पुताई या सफेदी करने वाले, मसाला बनाने वाले मजदूर, कंक्रीट मिक्सर, पेंटर, पीओपी श्रमिक, निर्माण स्थल पर कार्यरत चौकीदार, प्लंबर, बढ़ई, बिजली मिस्त्री, फीटर, लोहार, माली, शटरिंग मिस्त्री एवं लेबर, पंप ऑपरेटर, बार बाइंडर, क्रेन ऑपरेटर आदि सभी आते हैं.
दिल्ली में श्रम विभाग देख रहे मंत्री मनीष सिसोदिया का कहना है कि सरकार की डोरस्टेप सर्विस के तहत काम कराना अब बहुत आसान है. सबसे पहले मजदूर को 1076 पर फोन करना होगा और अपना नाम, पता फोन नंबर दर्ज कराना होगा. जिसके बाद दिल्ली सरकार की ओर से तैनात सदस्य उस मजदूर के घर जाकर उससे सभी दस्तावेजों की कॉपी लेगा और उसका डाटा ऑनलाइन फॉर्म में भर देगा. इसके साथ ही मजदूर का फोटो भी अपलोड होगा.
इस पूरी प्रक्रिया के बाद जैसे ही फॉर्म को स्वीकृति मिलेगी, मजदूर अपना लेबर कार्ड इंटरनेट से ले सकेगा या एक हफ्ते में लेबर कार्ड उसके घर पहुंच जाएगा. अब यह मजदूर दिल्ली सरकार के रजिस्टर्ड मजदूरों में शामिल हो जाएगा और इसे दिल्ली सरकार की ओर से तय किए गए सभी आर्थिक लाभों का फायदा मिल सकेगा.
ये मिलते हैं फायदे
मजदूर कार्ड बनने के बाद एक मजदूर को तमाम आर्थिक फायदे मिलते हैं. दिल्ली सरकार का कहना है कि पुरुष मजदूर को अपनी या अपने बेटे की शादी लिए 35 हजार जबकि बेटी की शादी के लिए 51 हजार रुपये की मदद राशि सरकार की ओर से दी जाती है. वहीं महिला मजदूर को अपनी शादी के लिए भी 51 हजार रुपये की मदद मिलती है. हालांकि इस मदद के लिए कम से कम तीन साल तक मजदूर के रूप में रजिस्ट्रेशन जरूरी है. वहीं दो बच्चे पैदा होने तक महिला मजदूर या पुरुष मजदूर की पत्नी को 30-30 हजार रुपये का मैटरनिटी लाभ मिलता है.
पांच दिन या उससे ज्यादा दिनों तक अस्पताल में भर्ती होने पर 10 हजार रुपये तक की मेडिकल सहायता दी जाती है. दो बच्चों की फीस के लिए 500 से 10 हजार रुपये मासिक तक दिए जाते हैं. काम के दौरान कोई अपंगता होने पर तीन हजार रुपये महीने की पेंशन का लाभ मिलता है. स्थाई अपंगता होने पर एक लाख रुपये की अतिरिक्त सहायता मिलती है. वहीं जान गंवाने पर मजदूर के परिवार को दो लाख रुपये की आर्थिक मदद मिलती है्.