बारां कलेक्टर इंद्र सिंह राव के PA महावीर नागर की 1.40 लाख की रिश्वत लेते गिरफ्तारी के बाद एसीबी ने उसके घर में सर्च अभियान चलाया है। अब तक पीए की जितनी प्रापर्टी का खुलासा हुआ है वह देखकर एसीबी के अफसर चौंक गए। 50-60 हजार रुपए महीने की सैलरी वाले पीए ने रिश्वत की बदौलत काफी संपत्ति इकट्ठा कर ली थी।
एसीबी की अब तक की जांच में नागर के पास 7 भूखंड और मकान मिले हैं। साथ ही कई बैंक खाते भी मिले हैं। अब उसके बैंक खातों की भी जांच की जा रही है। एसीबी को आशंका है कि दूसरे शहरों में भी उसकी संपत्ति हो सकती है। इसके लिए जांच की जा रही है।
एसीबी बारां के सीआई ज्ञानचंद ने बताया कि बारां में पीए नागर के घर पर की गई जांच में 7 भूखंड व मकान के कागज मिले हैं। इनकी कीमत करोड़ों में है। इसके अलावा, 8 बैंक खाते और उनके लॉकर भी मिले हैं। पीए महावीर नागर के पास कुल सात वाहन हैं। इसमें 2 ट्रैक्टर,1 कार व 2 बाइक है।
बारां कलेक्टर APO किए गए
रिश्वत लेने के इस खुलासे के बाद सरकार ने कलेक्टर इंद्र सिंह राव को APO (पदस्थापन आदेशों की प्रतीक्षा में) कर दिया। ACB के अधिकारी देर रात तक राव से पूछताछ कर रहे थे। उनके PA महावीर से पूछताछ में सुराग मिले हैं कि रिश्वतखोरी में बिना बोले कलेक्टर की भी हामी थी। ऐसे में कलेक्टर की गिरफ्तारी भी हो सकती है।
क्या है मामला
ACB के DG बीएल सोनी ने बताया कि विभाग की कोटा यूनिट को शिकायत मिली थी कि पेट्रोल पंप की NOC जारी करने के लिए कलेक्टर का PA रिश्वत मांग रहा है। शिकायत को वेरिफाई करवाया गया और कोटा ACB की टीम ने महावीर को ट्रैप कर लिया। बारां कलेक्टर इंद्र सिंह राव का PA महावीर नागर 1.40 लाख लेते गिरफ्तार कर लिया गया। उसने कबूला कि 1 लाख साहब को पहुंचाने थे।
राव का दागदार रिपोर्ट कार्ड; 31 साल की नौकरी में 45 पदों पर रहे, 6 बार एपीओ और एक बार सस्पेंड भी हो चुके
इंद्र सिंह राव मूलत: राजस्थान प्रशासनिक सेवा 1989 बैच के अफसर हैं। 31 साल के कार्यकाल में राव अब तक छह बार अलग-अलग कारणों से एपीओ किए जा चुके हैं। जबकि गंभीर आरोप के चलते एक बार उन्हें सस्पेंड भी किया जा चुका है। चार साल पहले ही उन्हें भारतीय प्रशासनिक सेवा में प्रमोट किया गया था। उसके तुरंत बाद उन्हें राजस्व मंडल में भाजपा सरकार ने लगा दिया था। 25 दिसंबर 2018 में सत्ता परिवर्तन के बाद कांग्रेस सरकार ने राव को बारां जिले में कलेक्टर लगाया।