महाराष्ट्र

क्या पवार संभाल सकते हैं UPA की कमान:NCP चीफ ने ऐसी किसी इच्छा से किया इनकार, इन वजहों से शरद पवार हैं प्रबल दावेदार

आज कांग्रेस की स्थापना का दिन है। देश की सत्ता पर सबसे लंबे वक्त तक काबिज रहने वाली कांग्रेस 2019 लोकसभा चुनावों में सिर्फ 52 सीटों पर सिमट गई। यही नहीं, संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) का नेतृत्व करने वाली कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी को भी बदलने की मांग शुरू हो गई है। शिवसेना सोनिया गांधी की जगह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार को UPA का अध्यक्ष बनाना चाहती है। इसको लेकर शिवसेना और कांग्रेस में दरार भी नजर आने लगी है।

हालांकि, एक दिन पहले एक टीवी चैनल से बात करते हुए शरद पवार ने UPA का नेतृत्व संभालने से साफ मना कर दिया था। एक मराठी न्यूज चैनल से बात करते हुए पवार ने कहा, ‘मैं यूपीए अध्यक्ष के पद के लिए इच्छुक नहीं हूं। मेरे पास इतना समय नहीं है और मुझे ऐसा करने की कोई इच्छा नहीं है। इसके अलावा, ऐसा कोई प्रस्ताव हमारी ओर से नहीं दिया गया है।’

हालांकि, पॉलिटिकल एक्सपर्ट्स का मानना है कि कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक शरद पवार UPA में सर्वमान्य नेता है। उनके कद का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि अगर उनका नाम सामने आता है, तो कांग्रेस के अंदर से उनके सपोर्ट में कई लोग खड़े हो जाएंगे।

पवार के संबंध सभी दलों के नेताओं से अच्छे
महाराष्ट्र की राजनीति को भलीभांति समझने वाले सीनियर जर्नलिस्ट सुकृत करंदीकर ने कहा, ‘शरद पवार ने वैसे तो UPA का नेतृत्व संभालने से मना कर दिया है, लेकिन अगर बात उनकी योग्यता की करें तो कश्मीर से तमिलनाडु और महाराष्ट्र से पश्चिम बंगाल तक वे विपक्ष के एक मात्र ऐसे नेता हैं, जिनके संबंध सभी विपक्षी दलों के प्रमुखों से व्यक्तिगत रूप से बहुत अच्छे हैं। चाहें वह फारुख अब्दुल्ला हों या फिर ममता बनर्जी या फिर दक्षिण में एमके स्टालिन। ये सभी क्षेत्रीय क्षत्रप शरद पवार के नाम को मना नहीं कर सकते।’

पवार सभी दलों में तालमेल बैठाने में कुशल
करंदीकर ने आगे बताया, ‘UPA को एक ऐसा नेता चाहिए जो दूसरी पार्टियों के साथ तालमेल बिठाने में कुशल हो। शरद पवार इसके माहिर खिलाड़ी माने जाते रहे हैं। महाराष्ट्र में वर्तमान में चल रही महाविकास अघाड़ी सरकार इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। इसमें अलग-अलग विचारधारा के बावजूद कांग्रेस-शिवसेना एक मंच पर खड़ी है।’

राहुल का नेतृत्व नहीं स्वीकार करेंगे सभी
सुकृत करंदीकर ने आगे कहा, ‘सोनिया गांधी के बाद अगर राहुल गांधी यूपीए चेयरपर्सन बनते हैं तो विपक्ष के कई बड़े नेता उनका नेतृत्व स्वीकार नहीं करने वाले। उनके अलावा जो भी क्षेत्रीय दल UPA का हिस्सा हैं, उसके प्रमुख नेता या तो एक इलाके तक सीमित हैं या फिर विचारधारा के कारण पूरे देश में सर्वमान्य नहीं हैं। पवार के पास केंद्र से लेकर राज्य तक में काम करने का 40 साल से ज्यादा का अनुभव है। ऐसे में वे UPA अध्यक्ष पद की पहली पसंद बन सकते हैं।’

शरद पवार के नाम पर कांग्रेस का स्टैंड अलग
शिवसेना द्वारा सामना की संपादकीय में दो बार शरद पवार को UPA का प्रमुख बनाने की मांग उठाने के बाद कांग्रेस ने इस पर नाराजगी जाहिर की है। कांग्रेस के सीनियर लीडर पी चिदंबरम ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि पवार खुद UPA का अध्यक्ष बनना चाहेंगे, क्योंकि इसका कोई सवाल ही नहीं उठता। जब भी गठबंधन के दलों की मीटिंग होती है तो स्वाभाविक तौर पर वही व्यक्ति अध्यक्षता करता है, जो सबसे बड़ी पार्टी का नेता होता है। वैसे भी हम प्रधानमंत्री को सिलेक्ट नहीं कर रहे हैं। मेरे हिसाब से यूपीए चेयरमैन या चेयरपर्सन जैसी कोई चीज नहीं है।

कांग्रेस नेता ही UPA का अध्यक्ष
पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने कहा, ‘UPA की बैठक जरूरी है। अगर हमारी पार्टी गठबंधन दलों की मीटिंग बुलाती है तो स्वाभाविक है कि हमारा ही नेता अध्यक्षता करेगा। जरूरत इस बात की है कि गठबंधन में शामिल सभी दल एक-दूसरे का सहयोग करें। देश में इसे मजबूत बनाया जाए। दूसरी पार्टियां भी मीटिंग बुला सकती हैं, कांग्रेस इसमें शामिल होगी। लेकिन, अगर कांग्रेस मीटिंग बुलाती है तो फिर उसका नेता ही इसकी अध्यक्षता करेगा। UPA में 9 या 10 पार्टियां हैं। कांग्रेस इनमें सबसे बड़ी पार्टी है। लोकसभा और राज्यसभा में हमारे 95 से 100 सांसद हैं।’

PRATYUSHAASHAKINAYIKIRAN.COM
Editor : Maya Puranik
Permanent Address : Yadu kirana store ke pass Parshuram nagar professor colony raipur cg
Email : puranikrajesh2008@gmail.com
Mobile : -91-9893051148
Website : pratyushaashakinayikiran.com